भारत से बार-बार पटखनी मिलने के बाद भी पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान ने इस बार एक बड़ी साजिश रच दी है। पाकिस्तान सरकार ने गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र को औपचारिक रूप से पाकिस्तान में शामिल किए जाने की संभावनाओं की समीक्षा के लिए गुरुवार को एक समिति का गठन किया है। यह समिति इस बात पर विचार करेगी वर्तमान हालात में गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का सूबा घोषित करने की कितनी संभावनाएं हैं। पाकिस्तान की योजना गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को 5वें प्रांत के रूप में घोषित करने की योजना है। इस बारे में पाकिस्तान के सूचना विभाग का कहना है कि यह 10 सदस्यीय समिति सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की सात न्यायाधीशों की पीठ के 11 अक्टूबर के निर्देश के मद्देनजर किया गया है।
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पीओके की कानूनी स्थिति की समीक्षा करने का पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया था। अदालत का यह निर्देश पीओके में संवैधानिक और प्रशासनिक सुधारों के लिए तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार द्वारा गठित विशेष समिति की उस सिफारिश के बाद आया है जिसमे कहा गया था कि पीओके को औपचारिक रूप से शामिल किये बिना उसके प्रशासन में सुधार नहीं किया जा सकता।
बताया जा रहा है कि इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा हो सकता है तो फिर पाकिस्तान का क्यों नहीं। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ‘अगर भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को शामिल करके जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया है तो पाकिस्तान गिलगित बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा क्यों नहीं दे सकता।’अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तानी हैं और उन्हें सारे अधिकार दिए जाने चाहिए।