
इस्लामाबाद।कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ( ICJ ) से करारी हार के बाद पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है। पाकिस्तना ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस ( consular access ) दे दिया गया है, कल भारतीय अधिकारी मिल सकते हैं। पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव पर जासूसी के आरोप लगाकर सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, ICJ ( International Court of Justice ) के फैसले में पाकिस्तान को अनुच्छेद 36 के तहत जाधव को उनके अधिकारों के बारे में तुरंत सूचित करने और भारत को कॉन्सुलर पहुंच प्रदान करने के लिए कहा गया था।
प्रवक्ता ने कहा है कि इस संबंध में, पाकिस्तान को भारतीय प्रतिक्रिया का इंतजार है और औपचारिक रूप से भारतीय उच्चायोग को सूचित किया है।
ICJ ने अपने फैसले में पाकिस्तान से कहा कि वह 'अपनी सजा और सजा की प्रभावी समीक्षा पर पुनर्विचार सुनिश्चित करे।'
भारत ने स्वीकारा पाकिस्तान का प्रपोजल
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से कुलभूषण जाधव को लेकर लिए गए फैसले पर भारत ने खुशी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमें पाकिस्तान से एक प्रस्ताव मिला है। हम आईसीजे के फैसले के आलोक में प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहे हैं। हम राजनयिक चैनलों के माध्यम से इस मामले में पाकिस्तान के साथ संवाद बनाए रखेंगे।
पाक ने किया वियना संधि का उल्लंघन
बता दें कि बीते महीने 17 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण जाधव केस में सुनवाई की थी। 16 जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए जाधव के पक्ष में 15-1 फैसला सुनाया था। ICJ ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए पाकिस्तान से जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने को कहा था।
ICJ ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है। इसलिए अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और फिर से मामले की सनवाई शुरु हो।
मालूम हो कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जाधव को आतंकवाद फैलाने और जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। भारत ने इसपर आपत्ति दर्ज कराते हुए अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
ICJ के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकवी अहमद यूसुफ ने फैसला पढ़ते हुए कहा था कि पाकिस्तान अपने फैसले की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचा करे।
करीब 2 साल से इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इसी साल फरवरी में दोनों पक्षों की ओर से पेश किए गए दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या है कॉन्सुलर एक्सेस
युद्धबंदियों और विदेशी नागरिकों के लिए तय हुई वियना संधि के आर्टिकल 36 (1) (बी) में कहा गया है कि अगर किसी देश के नागरिक को किसी दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है, तो गिरफ्तार करने वाले देश को कुछ अनिवार्य शर्तें माननी होंगी।
इसके प्रावधान इस तरह हैं-
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Updated on:
01 Aug 2019 11:12 pm
Published on:
01 Aug 2019 04:06 pm
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