‘पाकिस्तान को बदलने की है जरुरत’
आपको बता दें कि जनरल हयात पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि वे यहूदियों के विरोधी नहीं है लेकिन सबसे पहले पाकिस्तान को स्वयं को बदलने की जरुरत है, फिर हमें किसी दूसरे देश की चिंता करनी चाहिए। बता दें कि हयात ने फिलिस्तीन के समर्थन में बोलते हुए कहा कि वे इस बात से सहमत नहीं हैं कि यहूदी पाकिस्तान के दूश्मन हैं। उन्होंने कहा कि नफरत से केवल नफरत फैलाई जा सकती है। जीयोनिज्म और यहूदीवाद दो अलग-अलग मान्यताएं हैं। हमें मानवधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना चाहिए और हम सब का अधिकार भी है।
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‘पाकिस्तान की छवि सुधारना होगा’
आपको बता दें कि जनरल हयात ने कहा कि जब मानवाधिकार की रक्षा करने की बात आती है तो पाकिस्तान खुद ही दागदार है। उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ संबंध सुधारने से कुछ नहीं होगा, पहले हमें खुद को बदलना होगा। हयात ने कहा कि हमें पाकिस्तान के छवि को सुधारना होगा, जिसके लिए हमें भीतरी बदलाव पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान और इजरायल के संबंध कभी भी अच्छे नहीं रहे हैं। जनरल हयात ने कहा, ‘इजरायल मानता है कि सभी फिलिस्तीनी आतंकवादी हैं और वह इस्लामिक कट्टरपंथियों और आत्मघाती हमलावरों से अपने नागरिकों की रक्षा कर रहा है, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल ही अलग है।