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इस्लामाबाद। अतंरराष्ट्रीय दबाव और भारत के समर्थन के कारण गिलगिट-बाल्टिस्तान और गुलाम कश्मीर के निवासियों को अधिक अधिकार देने के लिए पाकिस्तान तैयार हो गया है। पाकिस्तान ने इन सभी क्षेत्रों को अधिक प्रशासनिक एवं आर्थिक अधिकार देने का फैसला किया है। गौरतलब है इसी क्षेत्र से 50 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाये जाने वाला विवादित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भी गुजरने वाला है। मगर भारत इस गलियारे को अपनी संप्रभुता पर चोट बताते हुए हमेशा से ही इसका विरोध करता आया है।
पाक ने बनाई रणनीति
पाकिस्तान में आर्थिक गलियारा गिलगिट-बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है। ऐसे में यहां के लोगों को सरकार के पक्ष में खड़ा करना जरूरी हो गया है। सरकार नहीं चाहती की यहां के लोग इस गलियारे का विरोध करें। वह हर तरह से यहां के लोगों को पाक सरकार के पक्ष में खड़ा करना चाहता है। ऐसे में उसने यहां के निवासियों को अधिक आजादी देने का मन बनाया है।
दोनों क्षेत्र में सुधार का प्रस्ताव
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की शनिवार को बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष सरताज अजीज और कश्मीर तथा गिलगिट-बाल्टिस्तान मंत्रालय ने समिति को दोनों क्षेत्र में सुधार के प्रस्ताव की जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने इन प्रस्तावों की समीक्षा की। चर्चा के बाद दोनों क्षेत्रों की सरकार को अधिक प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार देने का फैसला किया गया। सुधारों का विस्तृत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। बैठक में गुलाम कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान की परिषदों को एक सलाहकार निकाय के तौर पर बनाए रखने पर भी सहमति बनी।
Published on:
21 May 2018 04:09 pm
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