
इस्लामाबाद। आतंक वित्तपोषण (Terror funding) और धनशोधन (Money Laundering) को समाप्त करने के भारी दबाव के बीच पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को अंतिम अनुपालन रिपोर्ट सौंप दी है। पाकिस्तान FATF द्वारा फरवरी 2020 तक के लिए उसे दी गई अवधि के जून 2020 तक के विस्तार की उम्मीद कर रहा है। आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि इस्लामाबाद ने FATF के संयुक्त समूह के समक्ष अपने अनुपालन रिपोर्ट को सौंप दिया है।
जून 2020 तक एक अन्य मोहलत की उम्मीद
FATF पर पाकिस्तान के टीम लीडर अजहर ने कहा, 'इस पर उनकी तरफ से प्रतिक्रिया आएगी और तब आमने-सामने मुलाकात होगी।' पाकिस्तान के अधिकारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि FATF उसे जून 2020 तक एक अन्य मोहलत अवधि दे सकता है क्योंकि मौजूदा फरवरी की समयसीमा पाकिस्तान के लिए सभी 27 कार्य योजनाओं का पालन करवाने के लिए काफी कम है।
27 बिंदुओं में से बचे 22 पर काम करने की है हिदायत
अक्टूबर में हुई बैठक में, FATF ने फरवरी 2020 तक इन कार्य योजनाओं का अनुपालन करवाने के लिए पाकिस्तान से कहा था और उसे ग्रे सूची में बरकरार रखा था। संगठन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसने धनशोधन और आतंकी वित्तपोषण से संबंधित 27 बिंदुओं में से बचे 22 पर काम नहीं किया तो वह उसे काली सूची में डाल देगा। FATF की तरफ से पहली औपचारिक प्रतिक्रिया इस माह के अंत में आनी है।
फरवरी 2020 में FATF की पूर्ण समीक्षा बैठक
एक सूत्र ने एक वेबसाइट को कहा, 'आमने-सामने की मुलाकात जनवरी 2020 में सिडनी में होने की संभावना है, जहां पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को अपनी अनुपालन रिपोर्ट के बचाव का मौका मिलेगा।' FATF की पूर्ण समीक्षा बैठक फरवरी 2020 में पेरिस में होगी, जोकि पाकिस्तान के बारे में निर्णय करेगी। पाकिस्तान इससे पहले चीन, तुर्की, मलेशिया, सऊदी अरब और मध्यपूर्व देशों के कूटनीतिक समर्थन की वजह से सफलतापूर्वक काली सूची में नहीं जाने में सफल रहा था।
Updated on:
05 Dec 2019 09:25 am
Published on:
05 Dec 2019 09:18 am
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