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पुलवामा अटैक: पाकिस्तानी मीडिया की शर्मनाक हरकत, आतंकियों को बताया ‘स्वतंत्रता सेनानी’, हमले को कहा ‘आजादी की लड़ाई’

घाटी में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 44 जवानों की शहीद हुए है।

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Pulwama attack Pakistan media claims terrorists as 'freedom fighters'

पुलवामा अटैक: पाकिस्तानी मीडिया की शर्मनाक हरकत, आतंकियों को बताया 'स्वतंत्रता सेनानी', हमले को कहा 'आजादी की लड़ाई'

लाहौर। 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से देशभर का खून खौल उठा है। घाटी में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 44 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने भी घड़ियाली आंसू बहाते हुए हमले की निंदा की थी और अपनी भूमिका से भी इनकार किया। हालांकि, दूसरी ओर पाक मीडिया ने ऐसी शर्मनाक हरकत की है, जिससे इस बयान का दोगलापन साफ दिखाई दे रहा है।

एक देश- दो रुख?

एक ओर पाकिस्तान से बयान जारी किया जाता है कि आतंकी हमला गंभीर चिंता का विषय है और उन्हें इसका बेहद दुख है। दूसरी तरफ उसी देश का एक जाना-माना अखबार इन कायर आतंकियों को एक 'स्वतंत्रात सेनानी' का दर्जा देकर भारतीय जवानों की शहादत का मजाक उड़ा रहा है। दरअसल पाकिस्तान के एक अखबार ने इस घटना पर अपनी रिपोर्ट में ये लिखा कि 'भारत-अधिकृत कश्मीर में लगातार हो रहे अत्याचार के आगे झुकने के बजाए, वहां के स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया।'

भटकाने वाली रिपोर्ट

यही नहीं रिपोर्ट में यह भी लिखा गया कि 'भारत सरकार ने जल्दबाजी में इसे आतंकी वारदात का नाम देने की कोशिश की, और पाक के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद इस घटना के पीछे हैं ये भी दावा कर दिया। हालांकि जेएम ने जल्द ही अपना बयान जारी कर इस आरोप को खारिज किया और कहा कि नई दिल्ली कश्मीरी युवाओं के कृत्य का क्रेडिट छीनना चाह रहा है।' हम आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी इस बात से ही खारिज की जा सकती है कि आत्मघाती हमलों के कुछ घंटों बाद ही जेएम ने टेक्स्ट मैसेज और एक वीडियो जारी कर घटना की जिम्मेदारी ली थी। साथ ही ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आदिल अहमद का भी वीडियो सामने आ चुका है, जोकि जेएम का ही आतंकी है।

पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला

आपको ये भी बताते चलें कि इन जैसे चुनिंदा अखबारों के अलावा पाक के अन्य मीडिया हाउसों ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए शब्दों और संवेदनाओं का ध्यान रखा है। साथ ही उन्होंने सही तथ्यों को ही लोगों तक पेश करने की कोशिश की है। वहीं इससे पहले भारत ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की और जैश-ए-मोहम्मद और उसके संस्थापक मसूद अजहर को बचाने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, इसके बदले में पाकिस्तान का कहना है कि वे भारत सरकार और मीडिया द्वारा दिए जा रहे "सुझावों" को स्वीकार नहीं करते हैं।