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सऊदी अरब ने तालिबानी सरकार को दिया समर्थन, कहा- अफगान लोग बिना किसी हस्तक्षेप के विकल्प चुनें

प्रिंस फैसल ने कहा कि अफगान लोगों को बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने देश के भविष्य के लिए विकल्प चुनने में सक्षम होना चाहिए।  

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Ashutosh Pathak

Sep 10, 2021

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नई दिल्ली।

अफगानिस्तान में नए तालिबानी शासन को लेकर सऊदी अरब की ओर से पहली प्रतिक्रिया आई है। सऊदी अरब ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि एक कार्यवाहक सरकार के आने से युद्धग्रस्त राष्ट्र स्थिरता हासिल करने और हिंसा तथा उग्रवाद पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

सऊदी अरब ने कहा कि वह बाहरी हस्तक्षेप से दूर अपने देश के भविष्य के बारे में अफगान लोगों की ओर से किए गए विकल्पों का समर्थन करेगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने यह जानकारी दी है। तालिबान ने गत मंगलवार को नई अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया था।

सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि राज्य को उम्मीद है कि अफगानिस्तान में कार्यवाहक प्रशासन का गठन सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने, हिंसा और उग्रवाद को खारिज कर आकांक्षाओं के अनुसार एक उज्जवल भविष्य के निर्माण की दिशा में अहम कदम होगा।

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सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का हम सम्मान करते हैं। इस कठिन समय से निपटने में सहायता प्रदान का वादा करते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों और पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम विस्फोट में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।

प्रिंस फैसल ने कहा कि अफगान लोगों को बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने देश के भविष्य के लिए विकल्प चुनने में सक्षम होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि तालिबान और अफगानिस्तान की अन्य पार्टियां शांति और सुरक्षा बनाए रखने और नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिए काम करेंगी।

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बता दें कि 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था और इस दौरान सऊदी अरब, पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के साथ ये देश शामिल थे, जिन्होंने तालिबानी शासन को वैधता दी थी।