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पहली बार SCO सम्मेलन में भारत, पाक के सामने मोदी करेंगे आतंकवाद और सुरक्षा पर चर्चा

सीमा पर तनाव के बीच आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भारत-पाकिस्तान आमने सामने होंगे।

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Chandra Prakash Chourasia

Jun 09, 2018

SCO Summit

पहली बार SCO सम्मेलन में भारत, पाक के सामने मोदी करेंगे आतंकवाद और सुरक्षा पर चर्चा

बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय चीन दौरे पर रवाना होंगे। वो चीन के तटीय शहर किंगडाओ में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। भारत और पाकिस्तान को पिछले साल आधिकारिक रूप से इस आठ सदस्य सुरक्षा ब्लॉक में शामिल किया गया था। भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच आज पहली बार दोनों देशों के नेता आमने सामने होंगे।

पहली बार भारत-पाक होंगे एक साथ
एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे को उठा सकते हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

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चीनी राष्ट्रपति से होगी मोदी की मुलाकात

इसके अलावा पीएम मोदी आज ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के नेता हालांकि पहले भी एक दर्जन से ज्यादा बार मिल चुके हैं लेकिन किंगडाओ में शनिवार को होने वाली मुलाकात मध्य चीनी शहर वुहान में हुई 'ऐतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात' के करीब दो महीने बाद हो रही है। दोनों देशों के बीच एक साल पहले दो महीने चले सैन्य गतिरोध के बाद 2018 में भारत और चीन के रिश्ते में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है।

चीन-भारत को बैठक से उम्मीद

चीन इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस के दक्षिण व दक्षिणपूर्व एशियाई एवं ओशियनियन संस्थान के निदेशक हु शीशेंग ने बताया कि यह एक महत्वपूर्ण मुलाकात है लेकिन स्वरूप में अधिक प्रतीकात्मक है। इसकी तुलना वुहान से नहीं की जा सकती। किंगडाओ में होने वाली मुलाकात औपचारिक होगी।

पुतिन के साथ होगी द्विपक्षीय बैठक

पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी।

परमाणु समझौते पर विवाद के बीच पहुंचेगा अफगान

शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। रूहानी की उपस्थिति का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में अमरीका ने ईरान परमाणु समझौते से अपने हाथ वापस खींच लिए हैं। चीन ने इस परमाणु समझौते की रक्षा का संकल्प लिया हुआ है। मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है। शंघाई सहयोग संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान पहले से शामिल हैं।