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Sri Lanka Blasts: अमरीकी मुस्लिम कार्यकर्ता को श्रीलंका पुलिस ने गलती से बताया संदिग्ध, अब मांगी माफी

श्रीलंका सरकार और पुलिस ने शुक्रवार को जारी किया था संदिग्धों की तस्वीर। अमारा मजीद अमरीकी मुस्लिम महिला कार्यकर्ता हैं। श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए थे सीरियल ब्लास्ट।

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अमारा मजीद

Sri Lanka Blasts: अमरीकी मुस्लिम कार्यकर्ता को श्रीलंका पुलिस ने गलती से बताया संदिग्ध, अब मांगी माफी

नई दिल्ली।श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद जांच में जुटी पुलिस ने बीते दिन यानी शुक्रवार को कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थी, जिसमें एक नाम अमरीकी मुसलमान महिला कार्यकर्ता का भी फोटो शामिल था। महिला का नाम अमारा मजीद ( Amara Majeed ) है जो अमरीका में रहती हैं और उनके पिता श्रीलंकाई प्रवासी हैं। पुलिस की ओर से जारी तस्वीरों में गलती से अमारा को कोलंबो में हुए आत्मघाती धमाकों के लिए ज़िम्मेदार मानते हुए इस्लामिक स्टेट से जुड़ी संदिग्ध बताया गया। जब यह खबर अमारा तक पहुंची तो उन्होंने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में अमारा ने लिखा 'आज सुबह मुझे पता चला कि श्रीलंका सरकार ने ईस्टर के मौके पर हुए हमलों के लिए संदिग्ध के तौर पर गलती से मेरी पहचान की है। क्या सुबह रही ये!’ अमारा ने आगे लिखा 'यह पूरी तरह से गलत और झूठ है। मैं साफ कहना चाहती हूं कि इस हमले के बाद से हमारे समुदाय को कड़ी निगरानी से जूझना पड़ा रहा है। ऐसे में इस भयानक हमलों को हमसे जोड़ना बंद कीजिए और इस तरह की सूचना जारी करने से पहले पड़ताल करें क्योंकि इससे किसी का परिवार और उसका समुदाय प्रभावित होता है।’

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श्रीलंका पुलिस ने मांगी माफी

बता दें कि अमारा के ट्वीट के बाद श्रीलंका पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए मांफी मांग ली है। पुलिस ने बयान में कहा है कि जारी की गई तस्वीर में जो महिल दिखाई दे रही है वह वॉन्टेड नहीं है। बता दें कि बीते दिन पुलिस ने एक तस्वीर जारी करते हुए अमारा को संदिग्ध बताया था। बताया था कि अमारा का संबंध आईएसआईएस ( ISIS ) से है। पुलिस ने तीन पुरुषों और तीन महिलाओं के नाम एवं फोटो जारी किए थे। इनमें एक महिला संदिग्ध अब्दुल कादिर फातिमा खजिया के फोटो के आगे स्कार्फ बांधे एक अन्य महिला का चित्र लगा दिया गया था जो कि अमारा का था।

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कौन हैं अमारा मजीद?

अमारा मजीद अमरीका की रहने वाली है और एक सामाजिक कार्यकर्ता है। अमारा 16 साल की उम्र में ही चर्चा में आ गई थी, जब उन्होंने 'द हिजाब प्रोजेक्ट' की शुरुआत की थी। अमारा ने अपने इस मिशन के जरिए मुस्लिम और गैर मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने और इसका अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर करने को कहा। इसके अलावा 2015 में चुनाव प्रचार के दौरान अमारा ने डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) को खुला खत लिखा था। अपने खत में अमारा ने ट्रंप की आलोचना करते हुए लिखा था कि मैंने अपनी जिन्दगी का मिशन बना लिया है कि आप जैसे लोगों की ओर से फैलाई जा रही नफरत को खत्म करूंगी और मुसलमानों से जुड़ी जो भी गंदी धारणाएं हैं उसे बदल दूंगी। आपको बता दें कि 2015 में बीबीसी ने अपने सालाना सीरीज #100Women में अमारा मजीद को शामिल किया था। अमारा ने एक किताब 'द फ़ॉरेनर्स' भी लिखी है जो दुनिया भर में मुसलमानों के लिए व्याप्त स्टीरियोटाइप यानी मुसलमानों को एक खांचे और छवि में फिट करने के चलन को तोड़ने की कहानी है।

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