scriptSri Lanka President Election: चीन के करीबी गोतबाया राजपक्षे की जीत भारत-श्रीलंका संबंध के लिए कितना अहम | Sri Lanka President Election: How important is victory of Gotabaya Rajapaksa close to China for India-Sri Lanka relationship | Patrika News

Sri Lanka President Election: चीन के करीबी गोतबाया राजपक्षे की जीत भारत-श्रीलंका संबंध के लिए कितना अहम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 17, 2019 11:09:28 pm

Submitted by:

Anil Kumar

श्रीलंका के पूर्व रक्षा सचिव गोतबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव मे जीत दर्ज की है
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर गोतबाया राजपक्षे को बधाई दी है

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कोलंबो। श्रीलंका में शनिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दल के उम्मीदवार गोतबाय राजपक्षे ने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीथ प्रेमदासा को बड़े अंतर से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।

रविवार को आए परिणाम के बाद पूर्व रक्षा सचिव गोतबाया को देश-दुनिया से जीत की बधाई आने लगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गोतबाया को जीत की बधाई दी।

Sri Lanka President Election: गोतबाया राजपक्षे की एतिहासिक जीत, पीएम मोदी ने दी बधाई

श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन का असर भारत पर कितना पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त बताएगा। लेकिन गोतबाया के जीत के मायने भारत के लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है, यह सबसे बड़ा सवाल है। क्योंकि हाल के वर्षों में देखें तो भारत और श्रीलंका के संबंधों में थोड़ी से दूरियां बढ़ी है।

गोतबाया का जीतना भारत के लिए झटका!

दरअसल, भारत और श्रीलंका के बीच वर्षों से अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन श्रीलंका में तमिल अलगाववादियों को खत्म करने को लेकर भारत और श्रीलंका में थोड़ी खट्टास आ गई थी। श्रीलंका में तमिल अलगाववादी युद्ध को खत्म करने में महिंद्रा राजपक्षे ने अहम भूमिका निभाई थी। यही कारण है कि वे सिंहली बौद्ध बहुल समुदाय के प्रिय बन गए।

इस दौरान गोतबाया ने बतौर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी (सचिव) के तौर पर लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान की निगरानी की थी। राजपक्षे परिवार हमेशा से चीन के करीब माना जाता रहा है। जबकि चीन भारत के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।

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कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि राजपक्षे का जीतकर वापस आना भारत के लिए झटका साबित हो सकता है। साल 2014 में राजपक्षे ने दो चीनी सबमरीन को श्रीलंका के तटीय क्षेत्र में तैनात करने की इजाजत दी थी, जो कि भारत के सामरिक गतिविधियों के लिए ठीक नहीं है।

चीन अपनी इस कोशिश से हिंद महासागर पर अपनी पकड़ ज्यादा मजबूत कर सकता है, जो कि भारत के लिए एक खतरे की घंटी है। गोतबाया के जीत का असर भारत-चीन पर पड़ सकता है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि गोतबाया के जीत के साथ एक बार फिर से चीन और श्रीलंका की नजदीकियां बढ़ सकती हैं।

कौन हैं गोतबाया रोजपक्षे?

आपको बता दें कि श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति बनने जा रहे गोतबाया राजपक्षे पूर्व प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के छोटे भाई हैं। गोतबाया इससे पहले 2005 में श्रीलंका के रक्षा सचिव भी रह चुके हैं।

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बीते साल विवादों में फंसने के बाद महिंद्रा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद रानिल विक्रमसिंघे दोबारा प्रधानमंत्री बनाए गए थे। हालांकि अब संभावना जताई जा रही है कि गोतबाया प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंहे को पद से हटा सकते हैं और अपने भाई को नियुक्त कर सकते हैं।

श्रीलंका की संसद को अगले साल फरवरी तक भंग नहीं किया जा सकता है। लिहाजा रानिल विक्रमसिंघे को भी तब तक पद से नहीं हटाया जा सकता है। हालांकि वह खुद इस्तीफा दे सकते हैं।

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