
कोलंबो। श्रीलंका के राजनीति के लिए ये महीना काफी अहम साबित होता नजर आ रहा है। नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद देश के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफे दे दिया। विक्रमसिंघे के इस कदम के बाद अपनी पसंद के प्रतिनिधियों और नई सरकार की नियुक्त को लेकर नए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का अब रास्ता साफ हो गया है।
कार्यवाहक मंत्रिमंडल नियुक्त होने से पहले ही इस्तीफा
हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे को जीत मिली और उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का इस्तीफा सामने आया है। राजपक्षे पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह नए संसदीय चुनाव तक 15 सदस्यीय कार्यवाहक मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे। नए राष्ट्रपति संसदीय चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल नियुक्त कर सकें, इसके लिए पहले ही मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी के दबाव के चलते छोड़ा पद
श्रीलंका के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री अगले संसदीय चुनाव होने तक अपने पद पर कार्य कर सकता है। हालांकि, अपनी ही पार्टी के दबाव के चलते विक्रमसिंघे ने पद छोड़ने का फैसला किया। श्रीलंका में संसदीय चुनाव अगले साल अप्रैल में होने हैं। कोलंबो की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विक्रमसिंघे को जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। इसके बाद मैत्रीपाला सिरिसेना ने 2015 का राष्ट्रपति चुनाव जीता था।
Updated on:
21 Nov 2019 08:57 am
Published on:
21 Nov 2019 08:55 am
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