पांच अक्तूबर 2019 तक रहेगा कार्यकाल
ताहिरा सफदर ने 1982 में उस वक्त इतिहास रचा था, जब वह बलूचिस्तान में पहली महिला सिविल न्यायाधीश बनी थीं। बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मुहम्म्द नूर मेसकानजई कल यानी 31 अगस्त को सेवानिवृत हुई हैं। न्यायमूर्ति ताहिरा ने अब उनकी जगह ली है। ताहिरा का कार्यकाल पांच अक्तूबर 2019 तक का होगा। वह फिलहाल तीन सदस्यीय विशेष अदालत की सदस्य हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के मामले की सुनवाई कर रही है। मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के मामले में देशद्रोह का आरोप है।
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ऐसे मिली पदोन्नति
न्यायमूर्ति सफदर का जन्म 5 अक्टूबर, 1 957 को क्वेटा में एक प्रसिद्ध वकील के परिवार में हुआ था। उन्होंने कैंटोनमेंट पब्लिक स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की इसके बाद सफदर ने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और 1980 में कानून की डिग्री पूरी की। न्यायमूर्ति सफदर बलूचिस्तान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल होकर 22 अप्रैल, 1 982 को सिविल जज के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्हें 29 जून, 1 987 को सीनियर सिविल जज के रूप में पदोन्नत किया गया। फरवरी 1991 में ताहिरा सफदर को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। ताहिरा को एक मार्च 1996 में जिला जज बनाया गया। साल 2009 में ताहिरा को हाई कोर्ट का जज बनाया गया।