
ताइपे। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने अमरीका तथा दूसरे सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूती देने का आह्वान किया है। उन्होंने रविवार को कहा कि स्वशासन वाले इस द्वीप को चीन का खतरा है। साई मुख्य विपक्षी नेशनलिस्ट पार्टी के हान कुओ-यू और पीपल्स फर्स्ट पार्टी के वयोवृद्ध नेता जेम्स सूंग के साथ एक परिचर्चा के दौरान बोल रही थीं। इसका टीवी पर प्रसारण किया गया।
विधायिका के चुनाव 11 जनवरी को होने हैं
ताइवान में राष्ट्रपति और विधायिका के चुनाव 11 जनवरी को होने हैं। सर्वे में साई को आगे बताया जा रहा है और उनके दोबारा चार साल के कार्यकाल में चुने जाने की संभावना है। साई के अनुसार वह ताइवान की स्वतंत्रता और जीवनशैली को बरकरार रखेंगी तथा संविधान या द्वीप के आधिकारिक नाम, द रिपब्लिक ऑफ चाइना, को नहीं बदलेंगी।
साई के अनुसार ताइवान की सबसे गंभीर चुनौती चीन की विस्तारवादी सोच है।
ताइवान की स्वतंत्रता और संप्रभुता छीने जाने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और गहनता तथा मजबूती देने की जरूरत है और अभी हम आर्थिक संदर्भ में यह कर रहे हैं तथा कई देशों के साथ समान रूप से ऐसा कर रहे हैं।
Updated on:
30 Dec 2019 10:54 am
Published on:
30 Dec 2019 10:52 am
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