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क्रूरता: तालिबानी आतंकियों ने बच्चे की हत्या कर दी, क्योंकि पिता पर NRF से जुड़े होने का शक था

तालिबान के लड़ाकों ने ताखर प्रांत में एक बच्चे को मार दिया, क्योंकि उन्हें बच्चे के पिता पर रेजिस्टेंस फोर्स का सदस्य होने पर शक था। रेजिस्टेंस फोर्स को एनआरएफ भी कहा जाता है।  

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Ashutosh Pathak

Sep 28, 2021

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नई दिल्ली।

अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों की क्रूरता जारी है। यहां ताखर प्रांत में तालिबान आतंकियों ने एक बच्चे की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उन्हें शक था कि बच्चे के पिता पंजशीर की रेजिस्टेंस फोर्स के सदस्य हैं।

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तालिबान के लड़ाकों ने ताखर प्रांत में एक बच्चे को मार दिया, क्योंकि उन्हें बच्चे के पिता पर रेजिस्टेंस फोर्स का सदस्य होने पर शक था। रेजिस्टेंस फोर्स को बता दें कि एनआरएफ भी कहा जाता है। यह फोर्स अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत में स्थानीय सेना है और तालिबानी लड़ाकों का मुकाबला कर रही है।

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने अपने पिछले क्रूर शासन की याद दिलाना शुरू कर दिया है। देश में जो भी उसके खिलाफ आवाज उठा रहा है, तालिबानी लड़ाके उनकी हत्या कर दे रहे हैं। तालिबान ने गत 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। इस तरह पूरे देश में सिर्फ पंजशीर उसके कब्जे से दूर था। तब तालिबान ने कहा था कि वह पंजशीर में बदले की भावना से हमला नहीं करेगा।

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इसके बाद एनआरएफ और तालिबानी लड़ाकों के बीच जंग शुरू हुई। हफ्तों चली इस लड़ाई के बाद अब दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने इस प्रांत पर भी कब्जा जमा लिया है। जो लोग यहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं, तालिबानी लड़ाके उनकी हत्या कर दे रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि तालिबानी शासन में एनआरएफ के सदस्यों और अफगानिस्तानी की पूर्ववर्ती सरकारों में पदस्थ रहे लोगों को बदला लेने के उद्देश्य से मारा जा रहा है। तालिबानी लड़ाके लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रहे हैं और उन्हें खोज-खोजकर मार रहे हैं। ये लड़ाके सभी के घरों और मोबाइल फोन भी चेक कर रहे हैं। यदि इस दौरान उन्हें कोई संदिग्ध वस्तु या संदिग्ध फोटो दिखाई देती है, तो वे उस शख्स को गोली मार देते हैं।

अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में तालिबानी हुक्मरानों ने नया फरमान जारी किया है। इसके मुताबिक, यहां पुरुषों के दाढ़ी बनवाने या ट्रिम कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा पुरुषों को फैशन के तहत अलग-अलग स्टाइल में दाढ़ी रखने से भी मना कर दिया गया है। तालिबान की एक चिट्ठी का जिक्र करते हुए बताया गया है कि इस्लामिक ओरिएंटेशन मंत्रालय के अधिकारियों ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुरुषों के हेयर ड्रेसिंग सैलून के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान तालिबानी हुक्मरानों ने बालों को स्टाइल नहीं करने और दाढ़ी को शेव नहीं करने की सलाह दी गई।

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स्टाइलिश हेयर स्टाइल और फैशन के लिए तरह-तरह की दाढ़ी रखने से मना कर दिया गया है। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि हेयर ड्रेसिंग सैलून के अंदर और आसपास गाने या हम्द यानी भजन बजाने पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल हेलमंद में विभिन्न माध्यमों से लोगों को यह जानकारी दी जा रही है। माना जा रहा है कि तालिबान एक बार फिर अपने 20 साल पुराने तौर-तरीकों पर लौट आया है।

तालिबान के इस फरमान के बाद अफगानिस्तान में सैलून संचालक और पुरूषों में खासकर युवाओं में निराशा है। लोगों ने तालिबान के डर से बालों को स्टाइल में कटवाना पहले ही बंद कर दिया है। अब दाढ़ी कटवाने पर भी रोक लगने के बाद से वे मायूस हैं। कई लोग तो डर की वजह से बाल और मूूछ भी नहीं कटवा रहे। ऐसे में सैलून वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है।

हाल ही में तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला नुरुद्दीन तुराबी ने कहा था कि अफगानिस्तान में एक बार फिर फांसी और शरीर के अंगों को काटने की सजा दी जाएगी। उसने साथ ही यह भी जोड़ा था कि संभवत: इस बार ऐसी सजाएं सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दी जाएं। तुराबी ने यह भी कहा कि कोई हमें यह नहीं बताए कि हमारे नियम क्या होने चाहिए और क्या नहीं। हम सिर्फ इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान के आधार पर अपना कानून बनाएंगे। तुराबी के इस ऐलान के बाद हेरात प्रांत में चार लोगों को मारकर उनके शव को बड़ी क्रूरता से के्रन के जरिए शहर के चौराहों पर लटका दिया गया।