
काबुलः तालिबान ने बुधवार को अफगानिस्तान सरकार के वार्ता प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसके साथ ही उसने राष्ट्रपति अशरफ गनी पर 'धोखा देने और षड्यंत्र' रचने का आरोप भी लगाया है। तालिबान ने अफगानिस्तान में पर फिर से हमले की धमकी भी है। अफगान मीडिया के अनुसार, "आतंकवादी समूह ने एक बयान में कहा कि ताजा हमले 'अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अगस्त में घोषित नए रणनीति की प्रतिक्रिया में हैं', जिसके तहत अफगानिस्तान में हजारों विदेशी सैनिकों की तैनाती करने का प्रस्ताव है।"
अमरीका को बनाएगा निशाना
तालिबान ने अमरीकी संस्थानों को विशेष तौर पर निशाना बनाने की चेतावनी दी है। आतंकी संगठन की तरफ से कहा गया है कि "'ऑपरेशन अल-खंदक' पूरे देश में बुधवार से ही शुरू गया है, जिसके अंतर्गत खुफिया एजेंटों को निशाना बनाकर हमले किए जाएंगे।" ये हमले अफगानिस्तान सरकार और विदेशी ताकतों के खिलाफ होंगे। तालिबान ने अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ अफगानी सैनिकों और दस्तों को भी विदेशी परिसरों से दूर रहने के लिए कहा है।
राष्ट्रपति गनी ने दिया था शांति प्रस्ताव
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इसी साल 28 फरवरी को तालिबान के सामने शांति प्रस्ताव रखा था। राष्ट्रपति गनी ने 'बिना पूर्व शर्त' और साथ में राजनीतिक मान्यता देने, पासपोर्ट जारी करने, उनके परिजनों का स्थानांतरण और कैदियों की रिहाई के साथ शांति वार्ता की भी पेशकश की थी। अफगान सरकार की आलोचना करते हुए तालिबान ने इसे षड्यंत्र बताया और नए हमले करने की धमकी भी दे दी।
अमरीका पर बरसा तालिबान
इसी वर्ष जनवरी में अमरीका के साथ वार्ता की पेशकश कर चुके आतंकवादी संगठन ने वाशिंगटन पर 'युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर या ईमानदार मंशा नहीं अपनाने' का आरोप लगाया।' तालिबान ने कहा, "वे लोग अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में धकेल कर इसे तेज और लंबा खींचना चाहते हैं, ताकि वे यहां अपने हस्तक्षेप और प्रभावित करने के मौके को सुनिश्चित कर सके।"
Published on:
25 Apr 2018 07:16 pm
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