
सर्जिकल स्ट्राइक में बर्बाद हुए कैंपों को पाकिस्तान ने किया फिर से आबाद, लगभग 250 आतंकी हैं मौजूद
लाहौर।पाकिस्तान ने भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक में तबाह किये गए कैंपों को फिर से आबाद कर लिया है। इस बात का खुलासा हुआ है कि इन कैंपों में इस समय लगभग 250 आतंकी मौजूद हैं। इस समय ये आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए पाकिस्तानी आर्मी की मदद की राह देख रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्दी ही ये आतंकी भारत की सीमा में दाखिल हो सकते हैं।
आबाद हुए आतंकी कैंप
पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक में तबाह हुए कैंपों को फिर से आबाद कर लिया है। इस कदम से आतंकवाद और भारत से दोस्ती पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया फिर से दुनिया के सामने आ गया है। एक तरफ जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पीएम मोदी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत में आतंक की नई फसल उगाने की फिराक में है। बताया जा रहा है कि एलओसी के पास पाकिस्तान ने आतंकियों के करीब 27 लॉन्च पैड बनाये हैं। इन लांच पैडों से आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं।
इमरान खान के पीएम बनने के बाद आतंकियों के हौसले बुलंद
मीडिया की खबरों में दावा किया जा रहा है कि इमरान खान के पीएम बनने के बाद कई आतंकी कैम्प फिर से आबाद हुए हैं। इनमें से आठ कैम्प तो पिछले एक महीने के दौरान स्थापित किए गए हैं । बता दें कि पहले ही इस बात का अंदेशा जताया जा रहा था कि इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आतंकियों के हौसले बढ़ेंगे। अब यह अंदेशा सच होता दिखाई दे रहा है। इस समय 250 आतंकियों ने इन कैम्पों में डेरा डाल रखा है। भारतीय इंटेलिजेंस अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान ने कई कैम्पों को को फिर से बसा लिया है। गौर तलब है कि भारतीय सेना ने सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाक अधिकृत कश्मीर में कई बंकरों को तबाह कर दिया था।
बन गए नए कैम्प
इमरान खान के पीएम बनने के बाद पीओके में कई नए कैम्प बन गए हैं। इनमें लिपा, चकोठी, बरारकोट, शार्डी, जूरा स्थित कैम्पों को लश्कर-ए-तैयबा चला रहा है। वहीं कैम्प हिजबुल मुजाहिदीन के पास तीन कैम्प हैं। इन कैम्पों में औसतन 25-30 घुसपैठिए रह रहे हैं। इंटेलीजेंस का कहना है कि पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू-कश्मीर में होने वाले पंचायत हैं चुनाव हैं।इंटेलिजेंस के अधिकारियों का कहना है कि इस वक़्त आतंकी दक्षिणी कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश में हैं। दक्षिणी कश्मीर में स्थित हंदवाड़ा और हफरूड़ा के जंगलों से इनको घुसपैठ में मदद मिलती है।
Updated on:
27 Sept 2018 12:23 pm
Published on:
27 Sept 2018 12:18 pm
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