धारा 377: समलैंगिकों के बीच खुशी की लहर, जानें फैसले में न्यायाधीशों ने क्या-क्या कहा कई देशों में आतंकी वारदातों को दे चुका है अंजाम जेएनआईएम पर कई देशों में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और और आतंकी हमले करने का आरोप था। जेएनआईएम ने खुद को माली में अल-कायदा की आधिकारिक शाखा के रूप में वर्णित कियाथा। मार्च 2017 में गठित होने के बाद से उसने कई हमलों और अपहरणों की ज़िम्मेदारी ली है। जेएनआईएम ने जून 2017 में माली के बामाको के बाहर यूरोपियन लोगों के एक रिसोर्ट में धमाका किया था। माली में सैनिकों पर कई घातक हमले किये और 2 मार्च 2018 को ओगादौगो, बुर्किना फासो में बड़े पैमाने पर संगठित हमले किए। बताया जा रहा है कि जेएनआईएम का नेतृत्व लम्बे समय तक इयाद एजी घली ने किया।
ब्लैक लिस्ट में डालने के क्या होंगे परिणाम आतंकी सूची में डालने के बाद जेएनआईएम की संपत्ति और संपत्ति के हितों को अमरीकी अधिकार क्षेत्र के अधीन अवरुद्ध कर दिया गया है।यू.एस. के नागरिकों के लिए जेएनआईएम के साथ किसी लेनदेन में शामिल होने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। इस लिस्ट में शामिल संगठनों से जानबूझकर कोई संपर्क रखना और जेएनआईएम को भौतिक समर्थन या संसाधन प्रदान करने के लिए प्रयास करना अपराध होगा।
बड़ा खुलासाः पाकिस्तान बन सकता है विश्व का पांचवां सबसे बड़ा परमाणु संपन्न राष्ट्र, है बड़ा जखीरा अमरीका का कड़ा रुख आतंकवाद के खिलाफ अमरीकी समन्वयक राजदूत नाथन ए सेल्स ने कहा, “अल-कायदा और जेएनआईएम जैसे सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगियों के लिए घातक खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि हम आतंक के सफाए के लिए आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों को बेनकाब करते रहेंगे। उन्हें अमरीकी वित्तीय प्रणाली तक पहुंच से दूर करते रहेंगे।