हालांकि, अनुमान यह है कि चीन के चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण इंसानों में आया, लेकिन इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है। संक्रमण, कहां से और कैसे फैला इसका पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की टीम चीन में चमगादड़ों की गुफाओं और पशुपालन के लिए बने फार्मों की जांच करना चाहती है लेकिन ड्रैगन ने इस प्रस्ताव को हर बार की तरह खारिज कर दिया है। इसके बाद कोरोना महामारी फैलने के मुद्दे पर एक बार फिर से उसकी भूमिका संदिग्ध दिख रही है।
-
वहीं, मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोरोना महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने चीन में इन्शी नाम की जगह का दौरा करने का प्रस्ताव दिया था। यह जगह वुहान से छह घंटे की दूरी पर है, जिसे कोरोना महामारी का एपिकसेंटर माना जाता है। लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब चीन ने कोरोना उत्पत्ति के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय जांचों में रोड़ा अटकाया हो। इसी साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम चीन में जांच के लिए पहुंची थी लेकिन उस दौरान भी टीम के सदस्यों की गतिविधियों को सीमित रखा गया था। आखिर में टीम ने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अधिक जांच की जरूरत बताई थी।
-
इसके बाद, बीते अगस्त माह में अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रपति जो बिडेन को बताया था कि कोरोना वायरस को बायोलॉजिकल हथियार नहीं था बल्कि संभवतः यह लैब से लीक हुआ या फिर नेचुरल ट्रांसमिशन था। हालांकि, चीन लगातार इस दावे को खारिज करता रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति उसके देश में हुई।
वुहान के एनिमल फार्म उस समय चर्चा में आए, जब यहां से जानवरों को कानून के खिलाफ जाकर वुहान के बाजार ले जाकर बेचा जा रहा था।