
सना: तीन दशक तक यमन पर राज करने वाले पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की हत्या कर दी गई है। यमन में हूती विद्रोहियों ने राजधानी सना में हिंसक झड़पों में पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के मारे जाने का दावा किया है। सालेह की जनरल पीपुल्स कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने भी उनकी मौत की पुष्टि की है। हूती विद्रोहियों से जुड़े एक टीवी चैनल अल मसारिया पर प्रसारित एक वीडियो फुटेज में एक शव दिखाया गया है जिसे सालेह का शव बताया गया है। वीडियो के साथ न्यूज एंकर कहती हैं कि गृह मंत्रालय विद्रोही संकट के अंत और उनके उनके नेता और उसके बहुत से अपराधी समर्थकों के मारे जाने की घोषणा करता है। चश्मदीदों का कहना है कि सोमवार को हूती विद्रोहियों ने सना में सालेह के घर को उड़ा दिया।
हूतियों से कर लिया था किनारा
सालेह ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह अब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का समर्थन नहीं करेंगे जबकि उनके साथ मिल कर वह तीन साल से देश पर शासन कर रहे थे।
34 साल तक यमन पर किया राज
75 वर्षीय सालेह ने 34 साल तक यमन पर राज किया लेकिन अरब क्रांति के बाद 2012 में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उन्हें अपना पद छोडऩा पड़ा। सियासी खींचतान और अस्थिरता के बीच 2015 में यमन में गृहयुद्ध शुरू हो गया और सालेह के बाद राष्ट्रपति बने अब्द रब्बू मंसूर हादी को देश छोड़ कर सऊदी अरब भागना पड़ा। सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का सैन्य गठबंधन यमन में हूतियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
बीते छह दिन में 125 लोग मारे गए
सना में बीते छह दिन से जारी लड़ाई में 125 लोग मारे गए हैं और 238 से ज्यादा घायल हुए हैं। सालेह की मौत की खबर के बाद से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है।
Published on:
04 Dec 2017 09:42 pm
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