
शनि, मंगल, राहु और केतु के मासिक शिवरात्रि उपाय
कब है मासिक शिवरात्रि और शुभ योग (Bhadrapad Masik Shivratri in Siddha Yoga)
भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी का आरंभः 13 सितंबर बुधवार सुबह 5.51 बजे
भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी का समापनः 14 सितंबर गुरुवार सुबह 8.818 बजे
मासिक शिवरात्रि व्रतः बुधवार 13 सितंबर
मासिक शिवरात्रि व्रत निशीथ काल पूजाः बुधवार रात 11:37 बजे से रात 12:23 बजे तक (कुल 46 मिनट)
योग- सिद्ध, सूर्योदय से 14 सितंबर सुबह 05:38 बजे तक
मासिक शिवरात्रि का महत्व
कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव ***** रूप में प्रकट हुए थे। पहली बार शिव ***** की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने की थी। इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन ही शिव शक्ति के विवाह बंधन में बंधने की भी बात कही जाती है। इसीलिए महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है और श्रद्धालु शिवलिंग की पूजा करते हैं। इसके अलावा इस तिथि पर ही कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है इस व्रत को रखने से आदिदेव शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामना पूरी करते हैं और संकट हर लेते हैं।
मासिक शिवरात्रि के व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा असंभव कार्य भी संभव हो जाता है। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि के दौरान रात्रि जागरण कर पूजा अर्चना करनी चाहिए। युवतियां अच्चे वर के लिए इस व्रत को रखती हैं तो विवाहित महिलाएं दांपत्य जीवन में सुख और शांति के लिए इस व्रत को करती हैं। अगर शिवरात्रि मंगलवार को पड़े तो इसकी शुभता और बढ़ जाती है।
कब शुरू करना चाहिए यह व्रत
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी किया था। वाराणसी के पुरोहित पं. शिवम तिवारी का कहना है कि जो श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि व्रत करना चाहते है, उन्हें महा शिवरात्रि से ही इसकी शुरुआत करनी चाहिए और कम से कम एक साल तक व्रत रखना चाहिए।
मासिक शिवरात्रि के उपाय
1. राहु-केतु के उपाय: राहु केतु की दशा व्यक्ति के जीवन में दुखों का अंबार लगा देती है। जिन लोगों की कुंडली में राहु केतु दोष होंगे, उनके हर काम में बाधा आती है। ज्योतिष में इसको दूर करने के लिए मासिक शिवरात्रि के उपाय बताए गए हैं, जिसे करने से राहु केतु दोष से मुक्ति मिलती है। घर से दरिद्रता दूर हो जाएगी, दुखों का नाश हो जाएगा। इसके लिए मासिक शिवरात्रि के दिन निशिता काल मुहूर्त में शिवजी का दूर्वा और कुश के सहारे जलाभिषेक करें। इससे दुष्प्रभाव कम हो जाएगा और खुशियां घर का रास्ता देख लेंगी। अगर कुंडली में राहु-केतु की महादशा चल रही है तो मासिक शिवरात्रि के दिन इस उपाय के साथ ही शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र ऊं नमः शिवाय का कम से कम 11 माला जाप करना चाहिए। इससे सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी।
2. शनि ग्रह शांति उपायः भगवान शिव शनि के गुरु हैं, इसलिए शिवजी की पूजा शनि देव को प्रसन्न करती है और शनि के दुष्प्रभावों को कम करती है। जीवन में सब अस्त व्यस्त है तो यह उपाय आपके काम का है। कुंडली में शनि दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को मासिक शिवरात्रि के दिन गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक कर शमी पत्ते अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन शिवपुराण की कथा का पाठ करना चाहिए। इससे शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के बुरे असर से भी राहत मिलती है।
3. मंगल शांति उपायः कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति उग्र रहता है। इससे राहत के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन गंगाजल में लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। इस समय ‘ॐ नमो भगवते रुद्राय नम:’ मंत्र का जाप करते रहें और बाद में शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करें। मासिक शिवरात्रि के इस उपाय से मंगल ग्रह शुभ फल देने लगेगा और आपके जीवन धन, संपत्ति, समृद्धि का आगमन होगा।
4. चंद्रमा ग्रह के उपायः चंद्रमा मन का कारक है और किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रदोष है तो उसका मन अशांत रहता है और उलझन बनी रहती है। ज्योतिष में इसके निराकरण के लिए मासिक शिवरात्रि उपाय बताए गए हैं। इसके अनुसार चंद्रमा को आदिदेव महादेव ने अपने शीश पर धारण किया हुआ है, इसी से वे चंद्रशेखर कहे जाते हैं। जो लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं, चंद्रदेव उन्हें अशुभ फल नहीं देते। कुंडली में चंद्र ग्रह से शुभ फल पाने के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन निशिता काल मुहूर्त में चांदी के कलश से दूध चढ़ाना चाहिए और इसके बाद ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। मासिक शिवरात्रि के इस उपाय से चंद्र देव शुभ फल देने लगते हैं और मानसिक-शारीरिक पीड़ा से राहत मिलती है।
मासिक शिवरात्रि के अन्य उपाय
1. बेलपत्र का उपायः कुबेरेश्वर धाम के पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार दो बेलपत्र और एक लोटा जल से आपके हर तरह के दुख और समस्या का हल मिल जाएगा फिर चाहे वह धन की समस्या हो, कोई रोग हो या अन्य परेशानी। पं. प्रदीफ मिश्रा के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह भगवान शिव के मंदिर जाएं, वहां बैठें और सबसे पहले बेलपत्र को भगवान शिव की जलधारी के आखिरी भाग पर जहां से जल नीचे गिरता है, वहां अर्पित करें। इस समय बेलपत्र की डंडी का मुख जलाधारी के तरफ रखना होगा और बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख भगवान शिव की तरफ रखना है। इसके बाद दूसरा बेलपत्र चढ़ाएं।
पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार दूसरा बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाएं। इसके लिए बेलपत्र के बीच वाली बड़ी पत्ती का मुख अपनी तरफ रखें और बेलपत्र की डंडी का मुख शिवलिंग के पीछे रखें। इसके बाद दोनों ही बेलपत्ते पर पंच जल (पांच-पांच बार जल) समर्पित करें। पहले जलाधारी के ऊपर वाले बेलपत्र पर फिर शिवलिंग वाले बेल पत्र पर। इसके बाद अपनी कामना व्यक्त करें।
2. मनोकामनापूर्ति उपायः पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार यदि आपकी कोई कामना है और वह पूरी नहीं हो रही है तो सात काले तिल के दाने और एक काली मिर्च का उपाय अपना सकते हैं। इसके लिए मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह एक काली मिर्ची और सात काले तिल के दाने लेकर भगवान शिव के मंदिर जाएं। इसके बाद दायें हाथ की हथेली में इन दोनों सामग्रियों को रखक शिवलिंग के पास बैठकर सीधे हाथ की हथेली से चढ़ा दें और मनोकामना व्यक्त करें। इससे आपकी मनोकामना कुछ दिन में पूरी हो जाएगी।
Updated on:
12 Sept 2023 02:04 pm
Published on:
12 Sept 2023 02:02 pm
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