
इन निशान से आपके चरित्र और भाग्य का मिलता है संकेत, जानें क्या कहती है आपके किस्मत
Birth marks on body : सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शुभ निशान स्त्री के बाएं हिस्से और पुरुषों के दाएं हिस्से में होते हैं। इसलिए आईना देखते समय अपने शरीर की बनावट और उस पर बने निशान से आप अपने भाग्य का अंदाजा लगा सकते हैं। आइये जानते हैं धनवान बनने के 14 शुभ निशान।
7. जिस व्यक्ति की छाती पर अधिक बाल होते हैं, वह संतोषी प्रवृत्ति का होता है। ऐस लोग प्रायः धनी भी होते हैं, कम से कम इनको जीवन में इतना धन जरूर प्राप्त होता है कि इन्हें लाइफ में कोई कठिनाई न हो।
8. जिस व्यक्ति के हाथ में 5 नहीं बल्कि 6 अंगुलियां होती हैं, वह भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग हर चीज में अधिक फायदा कमाने वाले और हर काम में छानबीन करने वाली प्रवृत्ति के होते हैं। साथ ही ये ईमानदार और मेहनती भी होते हैं।
9. जिन लोगों के माथे के दाहिने हिस्से पर तिल होते है, उन लोगों की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होती है। दाएं गाल पर तिल वाले लोघ भी धनवान होते हैं।
10. अंगुष्ठयवैराढयाः सुतवन्तोगुंष्ठमूलगैश्च यवै:।
दीर्घागंलिपवार्ण सुभगो दीर्घायुषश्चैव।।
अर्थात धनी मनुष्यों के अंगूठे में यव का चिन्ह होता है। अंगूठे के मूल में यव का चिन्ह हो तो व्यक्ति पुत्रवान होता है। यदि अंगुलियों के पर्व लंबे हों तो वह भाग्यशाली और दीर्घायु होता है।
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11. स्निगधा नित्ना रेखार्धाननां व्यव्यएन नि:स्वानाम्।
विरलागंलयो नि:स्वा धनसज्जायिनो घनागंलय:।।
अर्थात धनी मनुष्यों के हाथ की रेखाएं चिकनी और गहरी होती हैं, दरिद्रों की इससे विपरीत होती हैं। बीड़र अंगुलियों वाले पुरुष धनहीन और घनी अंगुलियों वाले धन का संचय करने वाले होते हैं।
12. मकर-ध्वज-कोष्ठागार-सन्निभार्भर्महाधनोपेता:।
वेदीनिभेन चैवाग्रिहोत्रिणो ब्रम्हतीर्थम।।
अर्थात् जिसके हाथ में मकर, ध्वज, कोष्ठ और मंदिर के चिन्ह जैसी रेखाएं हों, वह व्यक्ति महाधनी होता है और ब्रम्हतीर्थ अथवा अंगुष्ठ मूल में वेदी के समान चिन्ह हो तो वह अग्निहोत्री होता है।
13. चक्रासि-परशु-तोमर-शक्ति-धनु:-कुन्तासन्निभा रेखा।
कुर्वन्ति चमूनार्थं यज्वानमुलूखलाकारा।।
अर्थात् जिसके हाथ में चक्र, तलवार, फरसा, तोमर, शक्ति, धनुष और भाले जैसी रेखाएं हों, वह जातक सेना, पुलिस आदि में उच्च पद पर आसीन होता है। ओखरी के समान रेखा हो, तो वह पुरुष विधिपूर्वक यज्ञ करने वाला होता है।
14. वापी-देवगृहाद्यैर्धर्मं कुर्वन्ति च त्रिकोणाभि:।
अंगुष्ठमूलरेखा: पुत्रा: स्युर्दारिकाः सूक्ष्मा।।
अर्थात् यदि किसी जातक के हाथ में बावली, देव मंदिर अथवा त्रिकोण का चिन्ह हो तो वह मनुष्य धर्मात्मा होता है और अंगूठे के मूल में मोटी रेखाएं पुत्रों की मानी जाती हैं और सूक्ष्म रेखाएं कन्याओं की मानी जाती हैं।
Updated on:
27 Aug 2024 10:15 pm
Published on:
27 Aug 2024 10:14 pm
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