
श्रीकृष्ण के सरल मंत्रों का जाप है सुख संपदा सौंदर्य प्राप्ति और प्रेम विवाह का रास्ता
Dhan Prapti Shri Krishna Mantra: कृं कृष्णाय नमः भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र है। इस मूलमंत्र का जाप अपना सुख चाहने वाले प्रत्येक मनुष्य को प्रातःकाल नित्यक्रिया और स्नानादि के बाद एक माला यानी 108 बार जपना चाहिए। इस मंत्र को जपने वाले मनुष्य सभी बाधाओं और कष्टों से मुक्त रहते हैं। इस मंत्र से कहीं भी अटका धन तत्काल प्राप्त हो जाता है।
श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र जपने वाले व्यक्ति को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है। इस सप्तदशाक्षर ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा महामंत्र को पांच लाख बार जपने से सिद्ध हो जाता है। जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण और तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान करना चाहिए। इस मंत्र को सिद्ध करने वाला व्यक्ति करोड़पति बन जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण का सात अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र गोवल्लभाय स्वाहा है। ऐसे साधक जो इस मंत्र को जपते हैं उसे दुनिया की सभी सिद्धियां मिलती हैं। ऐसा व्यक्ति जो धन की कामना करता है, उसे निरंतर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इस सप्ताक्षरीय मंत्र का सवा लाख जप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
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गोकुल नाथाय नमः मंत्र भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मंत्र है। आठ अक्षरों वाले इस मंत्र को जो साधक जपता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है।
भगवान श्रीकृष्ण का दशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र धन धान्य की प्राप्ति कराता है। इस क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः मंत्र के जाप से संसार की सभी सिद्धि मिलती हैं। यह मंत्र तेजी से आर्थिक सफलता के द्वार खोलता है। इस मंत्र के प्रभाव से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
भगवान श्रीकृष्ण का द्वादशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से प्रेम विवाह की बाधाएं दूर होती हैं। इस मंत्र के जप से चमत्कारिक फायदा होता है।
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भगवान श्रीकृष्ण का 22 अक्षरों वाला मंत्र व्यक्तित्व आकर्षक बनाता है। इससे वाणी अच्छी बनती है। ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो इस मंत्र का जाप वागीशत्व (वाणी का वरदान) प्रदान करता है।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री मंत्र चमत्कारिक लाभ देता है। 23 अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र के जप से उसके जीवन की हर बाधा दूर होती है। जो भी साधक इस मंत्र का जपता है उसे धन प्राप्ति होती है।
ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा 28 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है। इस मंत्र को जपने से वांछित फल मिलता है। 28 अक्षरों वाला यह श्रीकृष्णमंत्र अभीष्ट की पूर्ति करता है।
Updated on:
27 Aug 2024 07:08 pm
Published on:
27 Aug 2024 07:05 pm
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