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मौनी अमावस्या की आधी रात को किन्नरों ने की काली पूजा, तंत्र-मंत्र से गूंज उठा प्रयागराज

संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है जहां किन्नर साधुओं की पूजा को देखने वालों का तांता लगा रहा

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Pratibha Tripathi

Feb 11, 2021

Eunuchs worshiped Kali pooja

Eunuchs worshiped Kali pooja

नई दिल्ली। मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है, कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालु इस अवसर पर पवित्र नदियों में सूर्योदय से पूर्व स्नान कर पूजा पाठ करते हैं। संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला चल रहा है जहां मौनी अमावस्या के अवसर पर दीगर साधु संतो के अलावा किन्नर साधुओं ने भी अलग तरह की पूजा-अर्चना की किन्नर साधुओं की पूजा को देखने वालों का वहां तांता लगा रहा।

हमारे देश में साधु-संतो को उनके अखाड़े के नाम से जाना जाता है लेकिन इस दौर में साधुओं को और भी नामों से पुकारने लगे हैं। ऐसे में प्रयागराज में माघ मेले की रौनक देखते ही बनती है। इस मेला में कम्प्यूटर बाबा, हिटलर बाबा, ट्रम्प बाबा जैसे नाम की धूम है।

पर इन सभी साधुओं से अलग मौनी अमावस्या की रात में किन्नर साधुओं ने तंत्र-मंत्र की देवी काली की अनोखी पूजा की। यह पूजा आधी रात में की गई इस पूजा को देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।

किन्नर साधुसंतों और महामण्डलेश्वरों ने देवी काली की इस अनोखी पूजा को राष्ट्र कल्याण के लिए बताया। इतना ही नहीं किन्नरों ने हवन कुंड में उत्तराखंड हादसे में जान गवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए आहुतियां दीं।

किन्नर महामंडलेश्वर मां भवानी की माने तो देर रात में लगभग तीन घण्टे तक पूजा और आहुतियां दी गईं। यह पूजा अर्चना का मकसद जन कल्याण, सनातन धर्म की रक्षा और देश के उत्थान बताया गया। किन्नर साधुओं ने पूजा के दौरान यह कामना की कि उत्तराखंड जैसी त्रासदी फिर ना हो, और देश में अमन चौन के साथ खुशहाली रहे।