Inauspicious Dates For Traveling: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ समय में किसी भी काम को शुरू करने से उसमें सफलता की संभावना बढ़ती है और अशुभ समय काम (Panchak Dishashool) से उसमें असफलता और बाधाओं के आने की संभावना रहती है। अभी हाल में एयर इंडिया प्लेन हादसा हुआ, इसके अलावा हम रोज यात्रा में किसी न किसी छोटे बड़े हादसे के बारे में सुनते रहते हैं। सभी दुर्घटनाएं यात्रा से जुड़ी हुई हैं, भले कोई नौकरी के लिए, या घूमने या परिवार से मिलने जा रहा है।
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार, सफल और सुगम यात्रा के लिए हमें शुभ और अशुभ समय का ध्यान रखना चाहिए। इसमें कोई भी नया काम नहीं शुरू करना चाहिए फिर यात्रा ही क्यों हो। ज्योतिष शास्त्र में विशेष रूप से दिशाशूल और पंचक के रूप में इसकी पहचान की गई है। इसके अनुसार इस समय यात्रा से बचना चाहिए और यदि यात्रा करना ही पड़े तो इसके कुछ ज्योतिषीय उपाय जरूर अपनाने चाहिए।
यदि आप जुलाई 2025 में यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन शुभ अशुभ तिथियों से अपने ट्रवैल प्लान (July 2025 Mein Yatra Ka Muhurat) को जरूर चेक कर लेना चाहिए। आइये जानते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक 5 नक्षत्रों घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती का वह संयोग है, जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशियों में होता है। हर महीने में इसका 5 दिन का समय होता है। इसे अशुभ और नक्षत्रों का हानिकारक संयोग माना जाता है। इस समय यात्रा समेत सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस समय किसी भी काम का शुभ फल नहीं मिलता है।
यहां तक की यदि पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो उपाय न करने पर परिवार में आसपास मृत्यु की 5 घटनाएं होती हैं। खास तौर पर चंद्रमा के धनिष्ठा नक्षत्र की यात्रा के दौरान यात्रा को टालें। गैस, पेट्रोल आदि का काम ना कराएं और न ही नए घर में प्रवेश करें।
जुलाई में पंचक प्रारंभः रविवार 13 जुलाई 2025 को शाम 06:53 बजे से
जुलाई 2025 में पंचक का अंतः शुक्रवार 18 जुलाई 2025 को सुबह 03:39 बजे तक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यात्रा से पहले दिशाशूल का मार्जन जरूर करना चाहिए। इसमें दिशाशूल का अर्थ है दिन विशेष पर संबंधित दिशा में बाधा या कष्ट का प्राप्त होना। इसलिए सुगम और सफल यात्रा के लिए दिन के अनुसार दिशाओं का ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
हालांकि यदि कोई व्यक्ति दिशाशूल में यात्रा शुरू कर उसी दिन घर की यात्रा पूरा करता है या कहीं की घर के आसपास की यात्रा में इसका दोष नहीं लगता है। ये दोष तभी लगता है, जब उस दिन घर न लौटना हो यानी लंबी दूरी की यात्रा में, हालांकि इसके भी कुछ ज्योतिषी उपाय बताए गए हैं जिसे अपनाकर दोष को दूर किया जाने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। ..
सोमवार और शनिवारः पूर्व दिशा में यात्रा का निषेध।
रविवार और शुक्रवारः पश्चिम दिशा में यात्रा पर दोष।
मंगलवार और बुधवारः उत्तर दिशा की यात्रा में दोषः
गुरुवारः दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी।
सोमवारः दक्षिण दिशा की यात्रा सर्वोत्तम।
मंगलवारः पूर्व और दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ।
बुधवारः पूर्व और पश्चिम दिशा की यात्रा अनुकूल।
गुरुवारः दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य दिशा की यात्रा शुभ।
शुक्रवारः शाम के समय शुरू की गई यात्रा सुखद।
शनिवारः अपने घर की यात्रा को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान की यात्रा में लाभ नहीं।
रविवारः पूर्व दिशा में यात्रा उत्तम ।
सोमवारः दर्पण देखकर और दूध पीकर यात्रा शुरू करें।
मंगलवारः गुड़ खाकर।
बुधवारः धनिया या तिल खाकर यात्रा शुरू करें।
गुरुवारः दही खाकर यात्रा करें।
शुक्रवारः जौ खाकर या दूध पीकर यात्रा शुरू करें।
शनिवारः उड़द या अदरक खाकर घर से निकलें।
रविवारः घी या दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए।
जुलाई 2025 में यात्रा के लिए 2 जुलाई (बुधवार), 6 जुलाई (रविवार), 9 जुलाई (बुधवार), 13 जुलाई (रविवार), 16 जुलाई (बुधवार) और 20 जुलाई (रविवार) शुभ तिथियां हैं।
ज्योतिष शास्त्र में 27 योग माने गए हैं, इनमें से 9 योग अशुभ माने जाते हैं। इनमें यात्रा समेत शुभ काम से बचना चाहिए। ये 9 अशुभ योग हैं, विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिध और वैधृति।
वैसे कुछ ज्योतिषी लग्न का भी ध्यान रखने की सलाह देते हैं। इनका कहना है कि चर या द्विस्वभाव लग्न में यात्रा शुभ होती है। कुंभ लग्न या कुंभ लग्न के नवांश में भूलकर भी यात्रा नहीं करनी चाहिए।
यात्रा काल में केंद्र 1,4,7,10 और त्रिकोण 1,5,9 शुभ फल दायक होता है। जबकि 3,11,6,10 स्थानों पर अशुभ ग्रह अशुभ फल देते हैं। 1,12,6,8 भावों में चंद्रमा शुभ नहीं होता है। इसके अलावा दशम स्थान में शनि, सप्तम स्थान में शुक्र और 9,12,6,8 में लग्नेश शुभ नहीं होता है।
Updated on:
22 Jun 2025 05:53 pm
Published on:
22 Jun 2025 05:44 pm