इन दैत्य ग्रहों में केतु को मायावी ग्रह माना जाता है कारण यह है कि यह मानव जीवन में माया और विश्वास की मायाओं का प्रतीक माना गया है और व्यक्ति को गलत दिशा में ले जाकर भटका देता है। ज्योतिष में ये भी मान्यता है कि केतु कुंडली के जिस किसी भाव में बैठता है उसे अत्यधिक बढ़ा देता है।
यहां ये भी समझ लें कि भले ही केतु व्यक्ति को भटकाने का कार्य करता है, लेकिन केतु का प्रभाव व्यक्ति के कर्मों और प्रयासों का परिणाम होता है। ऐसे में आने वाले कुछ समय बाद यानि 30 अक्टूबर 2023 को केतु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है, ऐसे में अब ये तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करने जा रहा है। केतु के परिवर्तन के संबंध में ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि यह साल का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन है, जो सभी राशियों के जातकों को प्रभावित करेगा। और इसका सकारात्मक और नकारात्मक असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा।
ऐसे में जहां ये कुछ राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा तो वहीं कुछ राशि के जातकों के लिए यहा परेशानियां बढ़ने वाला रहेगा। जिसके चलते इन राशि के जातकों को जीवन में कुछ विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। तो चलिए जानते हैं कि किन राशि के जातकों को इस दौरान संभल कर रहने की आवश्यता है…
मिथुन राशि
राशि चक्र की इस तीसरी राशि मिथुन के लिए केतु का यह गोचर संघर्ष से भरा रहेगा। ज्योतिष में पांचवा भाव बुद्धि व पुत्र का होता है, ऐसे में मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय चुनौतियों भरा रहता दिख रहा है। इनके लिए यह समय एक बुरे दौर के समान हो सकता है। उचित होगा इस समय आपकों धैर्य रखने के साथ ही, सकारात्मक मानसिकता बनाने के अलावा काम में ज्यादा मेहनत करनी होगी। वहीं संतान से जुड़े कुछ दुखी करने वाले समाचार भी मिल सकते हैं। जमीनी विवाद के अलावा दोस्तों के साथ संबंध इस दौरान बिगड़ने की संभावना हैं।
उपाय: हर बुधवार नाग मंदिर जाकर नाग देव को केवडे या चंदन का इत्र लगाकर उनकी पूजा करें।
कन्या राशि
राशि चक्र की इस छठी राशि कन्या के लिए केतु का गोचर काफी ज्यादा कठिन रहने वाला रहेगा। इस दौरान कई स्थितियों में असफलता हाथ आ सकती है। अत: उचित होगा कि अपने हर कार्य में सवधानी बरतें। साथ ही लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहने के साथ ही हर कठिनाई का दृढता से सामना करें। इस दौरान गुस्से पर काबू रखें। छात्र पढ़ाई में मन लगाएं अन्यथा परीक्षा में असफलता मिल सकती है।
उपाय: भगवान शिव की हर रोज पूजा अर्चना करें।
वृश्चिक राशि
राशि चक्र की इस आठवीं राशि वृश्चिक के जातकों के लिए केतु का गोचर काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इस दौरान इन्हे कई तरीकों की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें आर्थिक समस्या, पति-पत्नी के बीच संवाद, दुर्घटना आदि चीजें शामिल रहेंगी। उचित होगा कि बिना वजह घर से बाहर न जाएं यानि कुछ जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें। इसके अलावा इस दौरान पड़ोसियों से विवाद भी संभव है, उचित होगा कि अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाएं रखें।
उपाय: प्रति दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु राशि
राशि चक्र की इस नवीं राशि धनु के लिए केतु का गोचर बहुत हानिकारक होता दिख रहा है। ऐसे में उचित होगा कि यदि आप कहीं निवेश करने की सोच रहे हैं, तो सावधान रहें निवेश से पहले सारी जानकारी हासिल कर लें। इस समयावधि में पति-पत्नी के बीच विवादों उत्पन्न हो सकते हैं। उचित होगा कि अपने गुस्से को काबू में रखते हुए रिश्तें को बचाए रखें। अन्य संबंधों में भी उचित संवाद बनाए रखने की कोशिश करें।
उपाय: घर में तांबे के नाग को स्थापित कर हर बुधवार उनकी पूजा करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
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मकर राशि
राशि चक्र की इस दसवीं राशि मकर के लिए केतु का गोचर अशुभ दिख रहा है। पति-पत्नी के बीच इस दौरान विवाद होने की संभावना है। वहीं आर्थिक मुद्दों में सावधानी बरतने की आवश्यकता के बीच कहीं भी निवेश से पूर्व सारी जानकारी एकत्र कर लें। संतान पक्ष से मिलने वाले समाचार सुखद अनुभूति नहीं देंगे। उचित होगा कि बिना किसी कारण के बाहर न निकलें, इसमें भी संतान के संबंध में विशेष रूप से सतर्क रहें।
उपाय: देवी दुर्गा की हर रोज पूजा करें।
कुंभ राशि
राशि चक्र की इस ग्यारहवीं राशि कुंभ के लिए केतु के गोचर के दौरान अपने गुस्से पर विशेष रूप से लगाम लगाने की आवश्यकता है। कुंभ के व्यापारी जातकों का इस समय आर्थिक संघर्षों से सामना होगा। जिसके चलते आपका बजट गड़बड़ा सकता है। यह समय नई जमीन या व्यापार के लिए शुभ नहीं कहा जा है, ऐसे में उचित होगा कि कोई ऐसा काम ना करें जो आपके लिए नुकसान का कारण बने।
उपाय: हर रोज महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।