
गुप्त नवरात्रि पर नक्षत्र और ग्रह राशि परिवर्तन कर रहे हैं।
आषाढ़ मास की नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) आज से शुरू होकर 27 जून तक रहेगी। इस नवरात्रि में महाविद्या के साधक 10 महाविद्या की साधना करते हैं। गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए विशेष माना जाता है। हालांकि इस समय सामान्य लोग शक्ति के 9 रूपों की उपासना करेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया, पंचांग की गणना के अनुसार 19 जून को आर्द्रा नक्षत्र में वृद्धि योग बन रहा है। मिथुन राशि के चंद्रमा की साक्षी में गुप्त नवरात्रि आरंभ हो रही हैं। इन 9 दिनों में विशिष्ट साधना की जा सकेगी। इन दिनों में शक्तिपीठ अथवा सिद्ध पीठ पर उपासना का विशेष महत्व होता है। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन के हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला का कहना है कि ग्रह गोचर तथा परिभ्रमण की गणना से देखें तो 19 जून से लेकर 3 जुलाई के मध्य अलग-अलग ग्रहों के नक्षत्र परिवर्तन एवं बुध ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। 30 जून को मंगल का भी राशि परिवर्तन होगा, जिसका प्रभाव शासन की प्रक्रिया में सुधार के रूप में दिखाई देगा। बुध का राशि परिवर्तन व्यापारिक बढ़ोतरी के साथ व्यवसाय विस्तार में दिखाई देगा। 27 जून को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। इस दिन भड़ली नवमी का अबूझ मुहूर्त आएगा।
बुध ग्रह का मिथुन राशि में गोचर
बता दें कि 19 जून को बुध 7.16 मिनट पर वृषभ राशि में अस्त हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब कोई ग्रह अस्त होता है तब इसका कारतत्व और प्रभाव कुछ दिनों तक कम होता है। यानी कोई ग्रह अस्त अवस्था में सूर्य के नजदीक आने पर शक्ति खो देता है। ऐसे में बुध अस्त होने पर कुछ राशि वालों के लिए आने वाला समय ठीक नहीं रहेगा।
वहीं 19 जून को बुध अस्त होने के बाद 24 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। बुध के शुभ प्रभाव से तार्किक क्षमता और वाणी कौशल बढ़ता है। बुध ग्रह को दो राशियां का स्वामित्व मिला है। कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं। कन्या राशि में बुध उच्च और मीन राशि में नीच होते हैं।
बनेगा त्रिपुष्कर योग
ज्योतिषाचार्य गुलशन कुमार अग्रवाल ने बताया, आषाढ़ नवरात्रि में शक्ति की उपासना के साथ ही जगन्नाथ रथयात्रा भी निकाली जाएगी। पर्व के दौरान 21 जून को पुष्य नक्षत्र और त्रिपुष्पकर योग भी बनेंगे। नवरात्रि की शुरुआत सोमवार से होगी। 20 जून को जगन्नाथ रथयात्रा निकलेगी। 21 जून को पुष्कर नक्षत्र और त्रिपुष्कर योग बनेगा। 22 को विनायक चतुर्थी और 23 को पंचमी और 24 कुमार षष्ठी होगी। 25 को सप्तमी, 26 अष्टमी और 27 को नवमी पूजन किया जाएगा।
अन्नपूर्णा लोक में प्रतिदिन भोग
गुप्त नवरात्रि के उपलक्ष्य में नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा लोक पर प्रतिदिन मां अन्नपूर्णा, मां काली एवं मां सरस्वती को सुबह 10.30 बजे फलों एवं व्यंजनों का भोग समर्पित कर प्रसाद का वितरण वृद्धाश्रम, अनाथालयों एवं नि:शक्तजनों की संस्थाओं में भी किया जाएगा। नवरात्रि के दौरान केले, मौसंबी, आम, चीकू, हलवा आदि का भोग लगाया जाएगा। मंदिर की समय सारणी तय कर दी गई है। मंदिर प्रतिदिन सुबह 6 से रात 11 तक खुले रहेंगे।
Updated on:
19 Jun 2023 01:45 pm
Published on:
19 Jun 2023 01:43 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
