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जिस पुष्पक विमान को रावण ने कुबेर से छीना था, वो कुबेर को कैसे मिला और किसने किया था निर्माण?

Pushpak Viman विमान इच्छानुसार आकार बदल सकता था, आकाश में किसी भी दिशा में उड़ सकता था। लेकिन इसे बनाने वाले कौन थे? पढ़िए पूरी कहानी।

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भारत

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Rahul Yadav

Oct 02, 2025

Pushpak Viman

Pushpak Viman (Image: Gemini)

Pushpak Viman: दशहरा का त्योहार हिंदू धर्म में अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। दशहरा के पर्व के समय रामलीला आयोजित की जाती है जिसमें रामायण की महत्वपूर्ण कहानियों को दर्शाया जाता है। इसी कड़ी में रावण का पुष्पक विमान भी चर्चा में आता है। यह विमान पहले धन-देवता कुबेर के पास था, लेकिन रावण ने इसे अपनी शक्ति और साम्राज्य बढ़ाने के लिए छीन लिया था। आइए जानते हैं इस दिव्य विमान का निर्माण किसने किया, क्या खासियत थी?

पुष्पक विमान किसका था और किसने बनाया?

रामचरितमानस और अन्य पुराणों के अनुसार, पुष्पक विमान के स्वामी धन-देवता कुबेर थे। इसे ब्रह्मदेव द्वारा उन्हें प्राप्त कराया गया था ताकि देवताओं और असुरों के बीच संतुलन बना रहे। विमान का निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था। यह केवल एक यंत्र नहीं था, बल्कि दिव्यता और शक्ति का प्रतीक था। इसे अपनी इच्छा अनुसार छोटा-बड़ा किया जा सकता था और आकाश में मनचाही गति से उड़ाया जा सकता था।

रावण ने विमान कैसे छीना?

कथाओं के अनुसार, रावण ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया और अपनी शक्ति बढ़ाई। इसके बाद उसने देवताओं और कुबेर पर आक्रमण करना शुरू किया। युद्ध में रावण ने कुबेर को हराया और लंका पर विजय प्राप्त की। इसी दौरान उसने कुबेर के पास मौजूद पुष्पक विमान भी बलपूर्वक छीन लिया था। यह विमान रावण के साम्राज्य और शक्ति का प्रतीक बन गया था।

विमान की खासियत और महत्व

पुष्पक विमान को केवल उड़ने वाला यंत्र नहीं माना जाता था। रामचरितमानस और अन्य ग्रंथों के अनुसार, यह पहला विमान था जिसे विश्वकर्मा ने बनाया था। इसका आकार इच्छानुसार बदल सकता था और आकाश में किसी भी गति से उड़ सकता था। यह विमान दिव्यता, शक्ति और तकनीक का अद्भुत संगम था।

रावण की मृत्यु के बाद भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी इसी विमान पर बैठकर अयोध्या लौटे। अंततः यह दिव्य विमान अपने वास्तविक स्वामी कुबेर के पास लौट गया। इस प्रकार, पुष्पक विमान केवल शक्ति और युद्ध का साधन नहीं था बल्कि धर्म और न्याय के महत्व को भी दर्शाता है।