5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

4 नहीं इस बार होंगे 8 सावन सोमवार, 19 साल बाद सावन में अधिकमास

इस बार सावन माह की धूम एक नहीं बल्कि दो माह तक रहेगी, ऐसे में भोलेनाथ के भक्तों को दो माह तक शिव की आराधना करने का मौका मिलेगा, जिसका मुख्य कारण इस बार सावन में अधिकमास आना है।

2 min read
Google source verification
8sawansomvaar.jpg

सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह है, शिवभक्त इस माह में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव आराधना करते हैं, कोई व्रत, उपवास रखता है, तो कोई पूजा अर्चना करके भगवान शिव को प्रसन्न करता है, सबसे अच्छी बात तो यह है कि भोलेनाथ सिर्फ अभिषेक और बिल्वपत्र चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। इस बार अधिकमास के कारण सावन दो माह का रहेगा, जिसमें 8 सोमवार आएंगे।

इस बार 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही देव 5 माह तक सोएंगे। 19 साल बाद सावन में अधिकमास के संयोग से चातुर्मास पांच माह का होगा। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होंगे। जून में विवाह के पांच ही श्रेष्ठ मुहूर्त थे। विवाह सीजन का आखिरी अबूझ मुहूर्त 27 जून को है। इस दौरान भी विवाह हो सकेंगे। अब देवउठनी एकादशी यानी 23 नवंबर तक इंतजार करना होगा।

दो माह रहेगा सावन
इस बार सावन का दो माह रहेंगे, जिसकी शुरुआत 4 जुलाई से होगी और 31 अगस्त तक सावन रहेगा, इस मान से सावन माह में करीब 8 सावन सोमवार पड़ेगे। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी 29 जून को है। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है। इस बार चातुर्मास में दो सावन में अधिकमास की व्युत्पत्ति का अनुक्रम है। शुद्ध श्रावण और अधिकमास का संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है। पांच माह धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, तीर्थ के दर्शन के लिए श्रेष्ठ माने जाएंगे।

इस बार उत्तम बारिश... सावन मास आषाढ़ी पूर्णिमा के साथ शुरू होगा। इस बार उत्तम बारिश की संभावना रहेगी। दो सावन होने से फसलों की पैदावार भी बेहतर रहेगी। पूजा-अर्चना का श्रेष्ठ समय होगा।

4 जुलाई से गर्भगृह में प्रवेश बंदसावन में महाकाल की तड़के 4 बजे होने वाली भस्म आरती रात 3 बजे से होगी। हर सोमवार रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश 4 जुलाई से 11 सितंबर तक बंद रहेगा। एक किलो लड्डू प्रसादी अब 360 नहीं, ₹400 में मिलेगी। ये निर्णय महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रविवार को हुए। 1500 रुपए वाली जलाभिषेक की रसीद बंद रहेगी। कांवड़ यात्रियों को मंगलवार से शुक्रवार तक गेट-1 या 4 से प्रवेश मिलेगा।

यह भी पढ़ें :

आज का राशिफल, 26 जून 2023 सोमवार, वृषभ, मिथुन सहित इन राशिवालों को लाभ

जन्म तारीख से जानें अपना भविष्य, 1 से 31 तारीख तक ऐसे जोड़ें अपना लकी नंबर