
Shani Amavasya 2025 (photo- chatgtp)
Shani Amavasya 2025 Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आती है। भाद्रपद मास की अमावस्या को भादो अमावस्या या पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिन शनिवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ और विशेष रूप से शनि देव की आराधना का बहुत महत्व है।
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि साढ़ेसाती, ढैया, महादशा या शनि दोष चल रहा है, तो इस दिन पूजा और उपाय करके राहत पाई जा सकती है।
शनि मंत्र का जाप
इस दिन शनिदेव की पूजा करके 108 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें। यह जाप मानसिक तनाव कम करता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। साथ ही साढ़ेसाती और ढैया के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते हैं।
व्रत रखना
शनिवार को पड़ रही अमावस्या पर व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन फलाहार व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है और शनि दोष दूर होता है।
काले तिल का अर्पण
काले तिल शनि देव से जुड़े माने जाते हैं। इस दिन शनि मंदिर में जाकर काले तिल चढ़ाएं या घर पर शनि यंत्र पर अर्पित करें। सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीपक जलाना भी लाभकारी होता है।
दान-पुण्य करें
इस दिन काले वस्त्र, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तन, काले तिल और सरसों का तेल दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। गरीब और जरूरतमंद को दान करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
पीपल का वृक्ष शनि देव का प्रिय माना जाता है। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसकी पूजा करें। इससे शनि दोष का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।
Published on:
22 Aug 2025 04:41 pm
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