
शनि गृह का ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष स्थान होता है। साथ ही शनि सौरमंडल में गति करने वाला सबसे धीमा गृह होता है। आपने अक्सर सुना होगा कि लोग कुंडली आदि के विश्लेषण में भी शनि की स्थिति पर काफी ध्यान देते हैं। शनि के प्रति लोगों की मान्यता है कि, अगर आपके जीवन में लगातार नयी-नयी मुश्किलें आ रही हैं, तो इसके पीछे का कारण शनि की दशा ठीक न होना है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुम्भ तथा मकर राशि का स्वामी, शनि का नक्षत्र परिवर्तन होने वाला है। कर्म का फल देने वाले शनि देव का आगमन धनिष्ठा नक्षत्र में होने वाला है।
शनि देव 18 फरवरी 2022 के बाद धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले शनि देव 22 जनवरी 2021 को श्रावण नक्षत्र में प्रवेश करके 18 फरवरी 2022 तक इसी नक्षत्र में रहे। शनि देव का राशियों और नक्षत्र में गोचर करना काफी महत्वपूर्ण मन जाता है। शनि देव कुम्भ राशि में परिवर्तन से पहले धनिष्ठा नक्षत्र में गोचर करने वाले हैं। धनिष्ठा नक्षत्र में शनि देव 15 मार्च 2023 तक विराजमान रहेंगे।
यूँ तो इस नक्षत्र परिवर्तन का असर सभी राशियों के जातकों पर पड़ने वाला है, परन्तु 4 राशियां ऐसी हैं जिनपर इस नक्षत्र का कुछ ख़ास प्रभाव होने वाला है। इन राशियों में मेष, मकर, वृश्चिक तथा कुंभ शामिल हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की मानें तो, मंगलदेव को धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी माना गया है। आपको बता दें कि धनिष्ठा नक्षत्र पैदा होने वाले बच्चों पर शनिदेव तथा मंगलदेव दोनों का ही असर पड़ता है। धनिष्ठा नक्षत्र के पहले दो चरण में जन्म लेने वाले बच्चों की जन्म राशि मकर होती है। वहीं, धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम चरण में जिन बच्चों का जन्म होता है, उनकी राशि कुंभ होती है। ऐसे में मेष, मकर, वृश्चिक तथा कुंभ राशियों के लोगों पर शनि देव की ख़ास कृपा बरसेगी।
Updated on:
19 Feb 2022 02:21 pm
Published on:
19 Feb 2022 02:11 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
