
Worshiping Sharad Purnima
नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर आसमान से अमृत बरसाता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन महालक्ष्मी का जन्म हुआ था। जिसके कारण इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी हर घर पर वास करने के लिए धरती पर उतरती है। और जिस घर में आशांति होने के साथ लोग सोता रहते है, उस घर के दरवाजे से ही माता लक्ष्मी लौट जाती हैं। कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी कर्ज से भी मुक्ति दिलाती हैं। यही कारण है कि इसे कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार कहा भी गया है कि , इस दिन प्रकृति भी मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए खिल उठती है। कहते हैं कि इस रात को देखने के लिए समस्त देवतागण भी स्वर्ग से पृथ्वी आते हैं।
जानें क्यों किया जाता है शरद पूर्णिमा व्रत-
इस व्रत को करने के पीछे का कारण एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार, एक साहूकार की दो बेटियां थीं। दोनों पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। एक बार बड़ी बेटी ने पूर्णिमा का विधिवत व्रत किया, लेकिन छोटी बेटी ने व्रत छोड़ दिया। जिससे छोटी लड़की के बच्चें जन्म लेते ही मौत हो जाती थी। ऐसा होने से छोटी बेटी काफी दुखी हो जाती है। तभी साहूकार की बड़ी बेटी के पुण्य स्पर्श से छोटी लड़की का बालक जीवित हो उठता है। कहते हैं कि उसी दिन से यह व्रत किया जाने लगा।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
इस साल की शरद पूर्णिमा का दिन काफी लंबे समय के बाद एक बड़ा संयोग लेकर आ रहा है इसलिए इस दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से आपको हर परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।शरद पूर्णिमा के दिन खीर का भोग लगाकर आसमान के नीचे रखकर इसका प्रसाद जरूर ग्रहण करें। आपकी हर इच्छा होगी पूरी।
Updated on:
29 Oct 2020 11:34 am
Published on:
29 Oct 2020 10:35 am
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