मंगल का रत्न मूंगा: जानें कब, कैसे और कौन सा धारण करें, जो बनाए आपको धनवान
मूंगा जो बना सकता है आपको करोड़पति...

नवग्रहों में कुल नौ ग्रह को माना जाता है, इसमें जहां 7 ग्रहों को पूर्ण ग्रह वहीं दो ग्रहों को छाया ग्रह माना गया है। इनमें से कुछ ग्रह देव ग्रह तो वहीं कुछ दैत्य ग्रह भी कहलाते हैं। इन देव ग्रहों में गुरु, सूर्य,चंद्र,बुध, मंगल व शनि आते हैं, वहीं दैत्य ग्रहों में शुक्र व दो छाया ग्रह राहु व केतु माने गए हैं।
जहां तक जीवन की बात करें तो इसमें पराक्रम का अत्यंत प्रभाव होता है और पराक्रम का कारक मंगल को माना गया है। मंगल देवताओं के सेनापति यानि देवसेनापति हैं और ये रक्त व उत्साह के कारक हैं। मंगल जहां विवाह संबंधी परेशानियां पैदा करते हैं, वहीं आपको पराक्रमी या दब्बू बनाने में भी इनका ही हाथ होता है। ऐसे में हमारी कुंडली में मंगल का कमजोर या मजबूत होना हमारे जीवन को अत्यंत प्रभावित करता है।
मंगलवार के कारक देव जहां श्री हनुमान माने गए हैं, वहीं मंगल का रत्न मूंगा माना जाता है, जो अत्यंत प्रभावी रत्न है, यदि मंगल संबंधी कोई परेशानी है तो इस रत्न को किसी जानकार की सलाह पर धारण किया जाता है। मूंगे के संबंध में ये मान्यता है कि ये जातक को कई चीजों में सफलता दिलाने में खास सहायक होता है। यहां तक माना जाता है कि यदि कोई जातक सही समय पर, सही विधि से, सहीं भार का मूंगा कुंडली में मंगल के अनुरुप धारण करता है, तो ये रत्न उसे करोड़पति तक बना देता है। कुल मिलाकर मूंगा एक ऐसा रत्न है जो लोगों की किस्मत बदल देता है।
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मंगलवार के कारक देव श्री हनुमान...
माना जाता है कि हनुमान जी को भक्त एक बार केवल सच्चे मन से याद कर लेता है उसकी रक्षा स्वयं हनुमान जी करते हैं और उसके हर दोष का निवारण करते हैं। जिसकी भक्ति से हनुमान जी एक बार प्रसन्न हो जाए उसे कोई भी दुख नहीं हो सकता है। मंगलवार के दिन यह उपाय करना बहुत ही लाभकारी हो सकता है और आप हनुमान जी की कृपा से बहुत जल्दी आप करोड़पति बन सकते हैं।
हनुमान जी और मूंगा...
माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा के दौरान मूंगे के खास उपाय को कर लेने से आपको कई पुण्य के बराबर का फल प्राप्त होता है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस उपाय को करने से जहां आपको हनुमान जी कई व्रत के बराबर आशीर्वाद देते हैं, वहीं आपके धन में भी वृद्धि करते हैं। यानि आपको कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है।
: इसके तहत मंगलवार के दिन 11 मूंगे लेकर उसपर लाल सिंदूर से राम लिखकर उसे हनुमान जी को चढ़ाने से आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।
: मूंगे के इस उपाय को करने से घर में नकारात्मक शक्तियां कभी वास नहीं करती और आपको मांसिक रूप से भी शांति पहुंचाती है।
: मूंगे पर राम लिखकर हनुमान जी को अर्पण करने से घर की पैसों की समस्या दूर होती है और आप बहुत ही जल्द करोडपति बन सकते हैं।
: माना जाता है कि मंगलावार के दिन मूंगे से यह उपाय करने से ऊपरी हवाओं का कोई असर नहीं होता। घर को किसी कि नजर नहीं लगती है।
इस उपाय को मंगलवार या शनिवार के दिन शाम के समय करना ज्यादा लाभकारी होता है और इसे करने के शुभ परिणाम कुछ ही समय में आपकी जिंदगी बदल सकते हैं।
इस दौरान आपको ध्यान रखना है कि आपके घर में शुद्धता और पवित्रता होनी बहुत जरूरी है, अन्यथा इसके परिणाम अत्यधिक प्रभाव वाले नहीं होंगे। वहीं इस उपाय को करने के दौरान यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इसे करते समय आपको ब्रह्मचार्य का खास ध्यान रखना है। ब्रह्मचार्य का पालन इस दौरान बहुत अनिवार्य है।
मूंगे की माला साधना और तप के लिहाज से बहुत ही शुद्ध मानी जाती है और इसका यह उपाय हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही खास है।
ज्योतिष में मंगल...
ज्योतिष में मंगल एक क्रूर ग्रह है। मनुष्य जीवन के लिए यह बड़ा प्रभावकारी ग्रह है। मंगल दोष के कारण लोगों के विवाह में कठिनाई आती है। इसके हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों में इसका प्रभाव भिन्न होता है।
मांगलिक दोष मनुष्य जीवन के दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। मंगल दोष व्यक्ति के विवाह में देरी अथवा अन्य प्रकार की रुकावटों का कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में बैठा हो तो यह स्थिति कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करती है। इसके प्रभावों को कम करने के लिए जातक को मंगल दोष के उपाय करने चाहिए।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य का कारक होता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च होता है, जबकि कर्क इसकी नीच राशि है। वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी होता है। गरुण पुराण के अनुसार मनुष्य के शरीर में नेत्र मंगल ग्रह का स्थान है। यदि किसी जातक का मंगल अच्छा हो तो वह स्वभाव से निडर और साहसी होगा तथा युद्ध में वह विजय प्राप्त करेगा। लेकिन यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में बैठा हो तो जातक को विविध क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है।
मजबूत मंगल का असर - मंगल की प्रबलता से व्यक्ति निडरता से अपने निर्णय लेता है। वह ऊर्जावान रहता है। इससे जातक उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। विपरीत परिस्थितियों में भी जातक चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करता है और उन्हें मात भी देता है। बली मंगल का प्रभाव केवल व्यक्ति के ही ऊपर नहीं पड़ता है, बल्कि इसका प्रभाव व्यक्ति के पारिवारिक जीवन पर पड़ता दिखाई देता है। बली मंगल के कारण व्यक्ति के भाई-बहन अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करते हैं।
पीड़ित या नीच के मंगल का असर - यदि मंगल ग्रह कुंडली में कमज़ोर अथवा पीड़ित हो तो यह जातक के लिए समस्या पैदा करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। पीड़ित मंगल के कारण जातक के पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं। जातक को शत्रुओं से पराजय, ज़मीन संबंधी विवाद, क़र्ज़ आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मंगल का वैदिक मंत्र -
ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।
अपां रेतां सि जिन्वति।।
मंगल का तांत्रिक मंत्र -
ॐ अं अंङ्गारकाय नम:।।
मंगल का बीज मंत्र -
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।
मूंगा धारण करने के नियम व मान्यता...
ज्योतिष के जानकार पंडित शर्मा के अनुसार मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है, जिन जातकों की कुंडली में मंगल ग्रह क्रूर हो उसका मूंगा धारण करना अधिक लाभकारी है।
: मूंगा मंगलवार को खरीदकर उसी दिन धारण किया जाए तो उत्तम होता है।
: मूंगा यथासंभव सोने की अंगूठी में जड़वाया जाना चाहिए। यदि धारक के लिए सोना खरीदना संभव न हो तो चांदी में थोड़ा सोना मिलाकर या तांबे की अंगूठी में मूंगा जड़वाया जा सकता है। मूंगा पहनने वाले को पेट दर्द व सूखा रोग नहीं होता है। हृदय के रोग के लिए भी मूंगा लाभकारी होता है।
: मूंगा किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार को सूर्योदय के एक घंटे बाद दाएं हाथ की अनामिका उंगली में में धारण करना चाहिए। मूंगा धारण करते समय अंगूठी का पूजन करने के बाद 'ऊं अं अंगारकाय नम:' मंत्र का दस हजार बार उच्चारण करें।
:- लाल मूंगा को मंगलवार के दिन नियमानुसार पूजा विधि के बाद अनामिका अंगुली (Ring finger) में धारण करना चाहिए। याद रखें हर किसी की कुंडली में प्रभाव के अनुसार मूंगा का वेट यानि कितने कैरिट का हो वह बदलता रहता है।
इन स्थितियों में पहनना चाहिए मूंगा...
- कुंडली में अगर मंगल राहु या शनि के साथ कहीं भी स्थित हो तो मूंगा पहनना अत्यांत लाभदायक सिद्ध होता है।
-यदि मंगल प्रथम भाव में स्थित हो तो मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।
-कंडली में मंगल अगर तीसरे स्थान पर हो तो भाई-बहनों में मदभेद होता , इसे दूर करने के लिए मूंगा पहनना चाहिए।
-कुंडली में यदि मंगल चतुर्थ भाव में हो तो जीवन-साथी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। अत: ऐसे जातक मूंगा अवश्य धारण करें।
-कुंडली में मंगल सप्तम या द्वादश भागव में शुभ नहीं होता, इससे जीवन साथी को कष्ट होता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति को भी मूंगा पहनना चाहिए।
सावधानी :
सुंदर रत्न मूंगा आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है, लेकिन हर किसी को मूंगा पहनना महंगा भी पड़ सकता है। लेकिन ये भी माना जाता है कि बिना जन्म पत्रिका दिखाए मूंगा पहना जाए तो इससे दुर्घटना भी हो सकती है। ध्यान रहे कोई भी रत्न बिना किसी जानकार की सलाह के धारण नहीं करना चाहिए।
मूंगा: मंगल की ऊर्जा को करता है तेज...
किसी भी व्यक्ति को ग्रहों के हिसाब से रत्न धारण करना चाहिए। ज्योतिष विद्या के अनुसार हर ग्रह को एक विशेष रत्न प्रदर्शित करता है। राशि के अनुसार रत्नों को पहनने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव में कमी आती है। आमतौर पर ऐसा होता है कि व्यक्ति तमाम परेशानियों से घिरा रहने पर जब ज्योतिषी के पास जाता है, तो उसे एक खास रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। इसका मुख्य कारण यही है कि ग्रहों के हिसाब से रत्न धारण करने पर ही उचित फल मिलता है।
मंगल के लिए दो तरह के मूंगे का इस्तेमाल किया जाता है। एक इटैलियन मूंगा होता है, जो लाल रंग का होता है। वहीं, दूसरा देसी मूंगा होता है, जिसका रंग नांरगी होता है। ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति का मंगल खराब होता है, उसे यह धारण नहीं करना चाहिए। इसे मंगल को तीव्र करने और ग्रह संतुलित करने के लिए धारण किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें, तो राशि और रत्नों में सौर मण्डलीय ग्रह किरणों को धारण करने की अद्भुत शक्ति होती है।
मूंगा धारण करते समय ये बातें ध्यान रखें-
– अगर कुंडली में मंगल मजबूत हो तो मूंगा पहनें। अगर कुंडली में मंगल खराब है तो इसे धारण न करें।
– अगर किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी है तो उसे मूंगा धारण करना चाहिए। संपत्ति संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए मूंगा पहनें।
– मेष लग्न, सिंह लग्न, कर्क लग्न, धनु लग्न, वृश्चिक लग्न, मीन लग्न में मूंगा धारण करना फायदेमंद होता है।
– मूंगे को तांबे या सोने की अंगूठी में पहनना चाहिए। इसे मंगलवार की सुबह दाएं या बाएं हाथ की अनामिका में धारण करें।
– इसे पहनने से पहले कच्चे दूध, गंगाजल से धो लें, उसके बाद धारण करें।
– मूंगे के साथ नीलम, हीरा बिल्कुल धारण न करें। ऐसा करने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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