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शनि, राहु-केतु की उल्टी चाल चार राशियों को करेगी हलकान, राहत के लिए करना होगा ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह के स्थिति परिवर्तन का सभी राशियों पर शुभ अशुभ असर पड़ता है। बीते दिनों कर्मफलदाता कुंभ राशि में वक्री हुए थे, वहीं छाया ग्रह राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में पहले से ही वक्री अवस्था में हैं। एक साथ तीन ग्रहों का वक्री होना कई राशियों के लिए कष्टकारी होने वाला है। हालांकि कुछ उपाय से इनकी पीड़ा को कम किया जा सकता है। इधर, यह स्थिति राहु केतु के 30 अक्टूबर को दोपहर 1.33 बजे राशि परिवर्तन तक बनी ही रहेगी तो आइये जानते हैं किन चार राशियों को ग्रहों की वक्री चाल से विशेष कष्ट होने वाला है।

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Pravin Pandey

Jun 20, 2023

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शनि, राहु केतु की वक्री चाल से ये राशियां होंगी परेशान

इन राशियों के लोगों के आए दुर्दिन


कर्क राशि: शनिदेव के वक्री होने से कर्क राशि के जातक को अगले राशि परिवर्तन तक अपने करियर पर विशेष ध्यान देना होगा। यह समय कर्क राशि वालों के लिए अच्छा नहीं है। इसके चलते आपको नौकरी में तनाव मिलेगा। इसके चलते वैवाहिक जीवन में दरार आ सकती है और परिवार में क्लेश बढ़ सकता है। खर्च में सावधानी रखनी चाहिए।

सिंह राशि: ज्योतिषियों के अनुसार सिंह राशि के जातक को शनि, राहु, केतु की वक्री स्थिति के कारण मेहनत का संपूर्ण फल नहीं मिलेगा। व्यापार कार्यों में चिड़चिड़ापन रहेगा। नौकरी में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस समय तक कानूनी मामले और तकनीक समस्या के चलते आप पर टेंशन हावी रहेगी। निवेश के लिए अच्छा समय नहीं है।

वृश्चिक राशि: तीनों ग्रहों की वक्री स्थिति में वृश्चिक राशि के जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है। इससे आपकी सेहत खराब हो सकती है। इस समय आपको व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। परिवार में कोई बड़ी समस्या आ सकती है। साझेदारी के विवाद में इस राशि के जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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मीन राशि : मीन राशि के जातक इस समय बेवजह लोगों पर गुस्सा करते नजर आएंगे। इससे आपके रिश्तों में कमजोरी आएगी। इसके चलते कार्यक्षेत्र और परिवार में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इस दिन स्वास्थ्य से जुड़े मामले में धन खर्च होगा।


राहु केतु और शनि के वक्री प्रभाव को कम करने का उपाय
राहु, केतु और शनि के वक्री प्रभाव को कम करने के लिए जातकों को शनि देव के मूल मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा रोजाना सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे काला तिल डालकर दीपक जलाना चाहिए। इससे शनिदेव की कृपा मिलती है और ये दुष्ट ग्रह भी अशुभ प्रभाव नहीं देते।