ऐसे में लोग एक बार फिर कोरोना की इस तीसरी लहर को लेकर दहशत में हैं। इसे देखते हुए देश के अनेक ज्योतिष के जानकार इस तीसरी लहर की स्थिति को ग्रहों की दशा दिशा से जोड़ते हुए इसका प्रभाव, पीक व अंत के संबंध में समझने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसे में कई ज्योतिष के जानकारों ने इस तीसरी लहर के संबंध में कुछ अलग तरह की भविष्यवाणियां भी करनी शुरु कर दी हैं। एक ओर जहां ज्योतिष के जानकार पंडित एसडी पांडे का कहना है कि दुनिया के अनेक स्थानों पर फरवरी में इस नई लहर जो ओमिक्रॉन रूपी वेरियेंट के रूप में सामने आ रही है ये फरवरी 2022 में अपने पीक पर होगी।

जिसके बाद फरवरी 2022 के अंत तक ये धीरे धीरे समाप्ति की ओर बढ़ेगी, वहीं ज्योतिष के जानकार एस के उपाध्याय का मानना है कि ओमिक्रॉन की इस लहर का पीक भारत व भारतीय उपमहाद्विप में ग्रहों की दशा व दिशा के अनुसार जल्द आता दिख रहा है। ऐसेे में मुमकिन है कि देश में जनवरी मध्य या अंत तक इसका पीक आ सकता है। जिसके बाद इसका अंत शुरु हो जाएगा।
वहीं ग्रहों की दशा व दिशा के आधार पर अध्ययन के पश्चात पंडित एके शुक्ला का कहना है कि पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन का पीक जनवरी 2022 के अंत से शुरु होकर मार्च 2022 की शुरुआत तक रहता दिख रहा है। यह (पीक के समय का) अंतर स्थान के आधार पर होगा, ऐसे में जहां कुछ स्थानों पर इसका पीक जल्द आ जाएगा तो वहीं कुछ जगहों पर इसका पीक फरवरी अंत से लेकर मार्च 2022 की शुरुआत तक आएगा।
पंडित शुक्ला के अनुसार भले ही कुछ जगहों पर इसका जल्द पीक आने से ये जल्द ही वहीं खत्म होता दिखें लेकिन ये समझ लेना आवश्यक है कि इस ओमिक्रॉन का खौफ मार्च 2022 के अंत तक बना ही रहेगा।
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ज्योतिष के जानकार जहां एक ओर कोरोना को लेकर भक्ति से जुड़ी कुछ खास बातों के लिए कह रहे हैं, जिसके अनुसार सूर्य पूजा के साथ ही राम का नाम जपने व रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने की बात कही गई है। वहीं ज्योतिष के जानकारों का ये भी मानना है कि इस समय मास्क का उपयोग, लगातार साबुन से हाथ व चेहरा धोने व लोगों से दूरी बनाने और केवल जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलने की बात भी कही जा रही है।