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सड़क हादसों को लेकर सीएम योगी ने की बैठक, चालकों के लिए बनाए नए नियम, सभी जिलाधिकारियों को तुरंत दिए यह निर्देश

- यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर लगातार हो रहे हादसों को लेकर सीएम योगी (CM Yogi) गंभीर हैं। - Lok Bhawan में सीएम योगी ने की विभागीय अधिकारियों संग बैठक।

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लखनऊ. यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर लगातार हो रहे हादसों को लेकर सीएम योगी (CM Yogi) गंभीर हैं। इसको लेकर उन्होंने गुरुवार को लोकभवन (Lok Bhawan) में बैठक बुलाई जिसमें विभागीय अधिकारियों से उन्होंने नाराजगी जताई व सड़क सुरक्षा को लेकर कुछ नए नियम बताए। बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya), दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma), यूपी डीजीपी ओपी सिंह (UP DGP OP Singh) समेत तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सीएम योगी ने कहा कि ऐसे हादसे सिर्फ चालकों के मत्थे मढ़कर अधिकारी अपने दायित्वों से नहीं बच सकते, मानवीय जीवन के साथ किसी तरह का समझौता सहन नहीं किया जा सकता। यातायात विभाग को निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि नीली और काली फिल्म चढ़ाए वाहनों पर कार्रवाई की जाए। हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य किया जाए। हाइवे पर जनसुविधाओं को बढ़ाया जाए और पेट्रोल पंप की संख्या बढ़ाई जाए।

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वाहन चालकों का होगा चेकअप, बस में होंगे दो ड्राइवर-

अनुमन सड़क हादसों की पीछे बस ड्राइवर की आंख लग जाने की वजह सामने आती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वाहन चालकों का मेडिकल चेकअप, लाइसेंस की जांच व सम्पूर्ण स्क्रीनिंग हो। चालकों के स्टेयरिंग पर बैठने से पूर्व व गंतव्य तक पहुंचने पर उनका ब्रेथ एनेलाइजर टेस्ट कराया जाए। साथ ही रात में 400 किमी से ज्यादा चलने वाली बसों में दो ड्राइवर रहें।

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स्कूल वाहन को चालकों का हों पुलिस सत्यापन-

सीएम योगी ने बैठक में स्कूली बच्चों को ले जाने वाहनों की ओर भी ध्यान दिया। और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन वाहनों को रिजेक्ट कर दिया जाता है, उन्हें स्कूल में प्रयोग में न लाया जाए। साथ ही स्कूल का वाहन चलाने वाले सभी चालकों की मेडिकल जांच के साथ ही पुलिस सत्यापन भी कराएं। साथ ही कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि किसी हादसे के 10-15 मिनट की अवधि के भीतर वहां पर घायलों के लिए जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। जितने भी ट्रामा सेंटर हैं, वो चलने चाहिए, इनमें आर्थोपैडिक सर्जन की व्यवस्था हो।

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सभी जिलाधिकारियों को दिए निर्देश-

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिले के सम्बंधित अधिकारियों के साथ हर माह बैठक करें। जिसकी समीक्षा हर महीने मुख्य सचिव द्वारा हो। हर तीन महीने पर सड़क सुरक्षा को लेकर सूचना विभाग, परिवहन विभाग और यातायात विभाग व्यापक अभियान चलाए। उन्होंने कहा कि हर 15 किमी पर रंबल स्ट्रिप हो। हाइवे पेट्रोलिंग वाहन, डायल 100 व एम्बुलेंस के कर्मचारियों को सही ढंग से प्रशिक्षण दिया जाए व ओवर स्पीड पर नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था हो। अगस्त के पहले सप्ताह में फिर से समस्त बिन्दुओं की समीक्षा की जाए।