
Akhilesh Shivpal Mayawati
लखनऊ. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल 2019 चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन का प्लान तैयार कर रहे हैं। इधर जिस तरह से बसपा के बाद सपा ने कांग्रेस पर हमला करना शुरू किया है, उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि यूपी में गठबंधन में राहुल गांधी का पत्ता साफ हो सकता है। ऐसी स्थिति में कहा जा रहा है कि सपा-बसपा का गठबंधन अगर होता है तो लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा 60 (बसपा): 40 (सपा) के अनुपात में होगा। जबकि विधानसभा चुनाव में यह फॉर्मूला बिल्कुल पलट जाएगा और 60 (सपा): 40 (बसपा) के मुताबिक सीटों का बंटवारा होगा। वहीं नवनिर्मित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने भी अपना तड़का लगा दिया है। वे पहले ही संकेत दे चुके है और साफ तौर पर यह कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के बगैर कोई भी पार्टी सत्ता में नहीं आएगी। उनके सहयोग से ही देश में सरकार बनेगी। और आज तो उन्होंने गठबंधन के लिए बड़ा बयान भी जारी किया है।
शिवपाल ने दिया बड़ा बयान-
मंगलवार को लखनऊ में की गई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने पहले ही तैयार हो रहे महागठबंधन पर सवाल उठाए, लेकिन खुद भी उसमे शामिल होने पर शर्त रख दी। उन्होंने पहले हमला बोलते हुए कहा कि वह (विपक्ष) महागठबंधन बनाने में देरी क्यों कर रहे हैं। आखिर उन्हें किसका डर है। कहीं सीबीआई का डर तो नहीं। वहीं उन्होंने आग समझौता पेश करते हुए कहा कि वे मुझे बुलायें, मुझसे बात करें। हमें 50 % सीटें चाहिये, भाजपा को हटाने के लिये। हम साथ हैं और उनके (विपक्ष) के साथ रहेंगे, लेकिन पचास प्रतिशत सीट चाहिये, करें शामिल।
शिवपाल के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में सवाल है कि यदि शिवपाल को वाकई को गठबंधन में शामिल किया जाता है कि तो आखिर सपा-बसपा के सीटों के बंटवारे पर इसका क्या असर पड़ेगा। क्या अखिलेश और मायावती, शिवपाल यादव के ऑफर पर ध्यान देंगे और क्या सीटों में वो कांप्रोमाइस करेंगे?
Published on:
20 Nov 2018 06:09 pm
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