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‘घर के पास खड़ी है पुरानी कार’! दिल्ली सरकार को 2 दिन में मिले 2,000 से ज्यादा शिकायत, जानिए क्या है मामला

साल 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली में क्रमशः 10 साल और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। इसमें कहा गया था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा।

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Delhi Government gets 2000 complaints For old parked vehicles in 2 days

Delhi Old Vehicle Complaint: दिल्ली परिवहन विभाग को एक व्हाट्सएप नंबर जारी किए हुए महज दो दिन ही बीते थें कि, शहर भर से शिकायतों की भरमार आ गई। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने दो दिन पहले ही पुराने पार्क किए गए वाहनों पर शिकायतों को साझा करने के लिए एक डेडिकेटेड नंबर जारी किया था, और लोगों ने अपील की थी कि वो ऐसे किसी भी पुराने वाहन की शिकायत तत्काल दर्ज कराएं जो कहीं पर पार्क किए गए हैं। डिपार्टमेंट के नंबर जारी करते ही महज 48 घंटे में सरकार को शहर के रेजिडेंट वेलफेयर और मार्केट एसोसिएशन से तकरीबन 2,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 2014 के एक आदेश के मुताबिक 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने की अनुमति नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए, दिल्ली परिवहन विभाग ने पुराने पार्क किए गए वाहनों के बारे में विवरण साझा करने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) और मार्केट एसोसिएशन के लिए एक व्हाट्सएप नंबर (8376050050) जारी किया था। लेकिन दिल्ली सरकार और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट उस समय सकते में आ गया जब इस नंबर के जारी करने के दो दिनों के भीतर, ही पुराने वाहनों के बारे में लगभग 2,000 शिकायतें मिलीं। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अपने डेटाबेस में वाहनों के पंजीकरण के विवरण को सत्यापित करना बाकी है।

इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, "नंबर जारी करने के दो दिनों के भीतर ही हमें शहर के अलग-अलग हिस्सों से तकरीबन 2,000 शिकायतें मिलीं हैं। हालांकि, इन शिकायतों को सत्यापित करने की आवश्यकता है। लोगों को जो भी वाहन पुराने लग रहे हैं वो उन वाहनों की तस्वीरें भेज रहे हैं। हमें वाहन के पंजीकरण के विवरण को सत्यापित करना होगा, ताकि इस बात की तस्दीक की जा सके कि, क्या वास्तव में ये वाहन पुराने हो चुके हैं और सरकार द्वारा तम उम्र के अनुसार सड़कों पर चलने योग्य हैं या नहीं।"

बता दें कि, साल 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली में क्रमशः 10 साल और 15 साल से पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। इसमें कहा गया था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। इस साल की शुरुआत में 10 साल से अधिक पुराने लगभग दो लाख डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया था। पिछले हफ्ते, विभाग ने लोगों को इस बात की चेतावनी भी दी थी कि, ऐसे किसी भी पुराने वाहन को तत्काल सीज़ कर दिया जाएगा।

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अब, यह देखने को मिल रहा है कि इन आदेशों के बावजूद, ऐसे वाहन अभी भी दिल्ली की सड़कों पर चलते और पार्क किए हुए पाए जा रहे हैं। परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा ऐसे वाहनों को चलाने या पकड़े जाने पर जब्त करने के लिए एक अभियान भी चला रही है। विभाग ने लोगों को आगाह किया था कि, ऐसे पुराने वाहनों को न तो चलाएं और न हीं पार्क करें।


पकड़े जाने पर स्क्रैपिंग के भेज दिया जाएगा वाहन:

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में करीब 25 लाख ऐसे वाहन हैं जो पुराने हैं। अधिकारी ने कहा, "अगर हम पाते हैं कि वाहन सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने के लिए अनुपयुक्त हैं, तो हमारी टीमों को भेजा जाएगा, और वे वाहनों को जब्त कर लेंगे और उन्हें तुरंत स्क्रैपिंग के लिए अधिकृत स्क्रैपर को सौंप दिया जाएगा।" इससे ये साफ है कि दिल्ली सरकार पुराने वाहनों पर कार्यवाही करने के लिए काफी सजग है।