
आEV sector to shift towards completely indigenous battery technology: MoRTH Nitin Gadkari
नई दिल्ली। आने वाले भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और आपूर्ति के लिए भारत के ईवी निर्माताओं को दूर की सोच रखनी चाहिए। इसके लिए उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी की स्वदेशी तकनीक ढूंढनी चाहिए।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर से इस ओर ध्यान देने की बात कही। अगर ऐसा होता है तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले वक्त में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतें अपेक्षाकृत कम होंगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जब इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) तेजी से नई वास्तविकता बनते जा रहे हैं, तो प्रमुख बैटरी और पावर-ट्रेन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में अग्रणी के रूप में उभरने की आवश्यकता जोर देना जरूरी हो जाता है।
मंत्रालय ने आगे लिखा, "यह देखते हुए कि वर्तमान में हम जिस चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह लिथियम के रणनीतिक भंडार पर नियंत्रण है, और इसका इस्तेमाल वाहनों में उपयोग की जाने वाली लिथियम-आयन रिचार्जेबल बैटरी के निर्माण के लिए किया जाता है। इसके चलते मंत्री ने परिवहन क्षेत्र में आत्म निर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता को इंगित करते हुए ईवी सेक्टर को आने वाले वर्षों में पूरी तरह से स्वदेशी बैटरी प्रौद्योगिकी की ओर स्थानांतरित करने का आह्वान किया है।"
नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (IoE), उद्योग, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सरकार के सहयोग से ऐसी वैकल्पिक बैटरी प्रौद्योगिकियों के कड़े अनुसंधान और विकास के लिए आने वाले वर्षों को समर्पित करना आवश्यक है। यह शोध एवं विकास के अंतर्गत धातु-वायु, धातु-आयन और अन्य संभावित प्रौद्योगिकियां हो सकती हैं।
गडकरी के इस बयान के बारे में उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में सरकार इस क्षेत्र में मदद करेगी, जिससे स्वदेशी बैटरी टेक्नोलॉजी डेवलप करना बड़ा काम नहीं होगा। एक बार देश में ही बैटरी विकसित करने की तकनीक तैयार हो गई, तो ईवी की कीमतों में कमी आना लाजमी है।
Updated on:
29 Jan 2021 05:18 pm
Published on:
29 Jan 2021 05:10 pm
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