
EV vs Petrol-Diesel Car (Image: Gemini)
EV vs Petrol-Diesel Car: अगर आप रोज ऑफिस आने-जाने के लिए एक नई कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और हर दिन करीब 50 किलोमीटर का सफर तय करना है तो कार चुनते समय सिर्फ कीमत नहीं बल्कि रनिंग कॉस्ट, मेंटेनेंस खर्च और लंबे समय में बचत को भी ध्यान में रखना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ऑफिस के लिए EV, पेट्रोल या डीजल में कौन-सी कार ज्यादा फायदेमंद रहेगी।
आजकल इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EV) भारत में काफी तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। टाटा, महिंद्रा, हुंडई और एमजी जैसी बड़ी ऑटो कंपनियां बाजार में कई बेहतरीन EV मॉडल पेश कर रही हैं।
मान लीजिए आप एक ऐसी इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं (जैसे Tata Nexon EV या MG Comet) जिसकी बैटरी 25-30 यूनिट बिजली में फुल चार्ज हो जाती है और एक बार चार्ज होने पर 250-300 किलोमीटर तक चलती है।
एक यूनिट बिजली का औसतन खर्च = 7 रुपये है।
एक बार फुल चार्ज करने का खर्च = 30 यूनिट × 7 रुपये = 210 रुपये होगा।
1 किलोमीटर चलाने का खर्च = 210 रुपये/300 किमी = 0.70 पैसे प्रति किमी आएगा।
अगर आप रोज 50 किलोमीटर चलते हैं तो प्रति दिन का खर्च = 35 रुपये आएगा।
इलेक्ट्रिक कार का प्रति माह (30 दिन) का खर्च = 1,050 रुपये होगा।
अगर आप मारुति स्विफ्ट या डिजायर जैसी पेट्रोल कार इस्तेमाल करते हैं तो उसका माइलेज आमतौर पर 18-20 किलोमीटर प्रति लीटर होता है। डीजल कारों का माइलेज थोड़ा बेहतर होता है।
पेट्रोल की अनुमानित कीमत = 100 रुपये प्रति लीटर है।
माइलेज = 18 किमी/लीटर है।
प्रति किमी खर्च = 100 रुपये/18 = 5.55 रुपये प्रति किमी होगा।
अगर आप रोज 50 किलोमीटर चलते हैं तब हर रोज का खर्च = 277.50 रुपये होगा।
पेट्रोल कार के एक महीने (30 दिन) का खर्च = 8,325 रुपये आएगा।
डीजल की अनुमानित कीमत = 90 रुपये प्रति लीटर है।
माइलेज = 22 किमी/लीटर
प्रति किमी खर्च = 90 रुपये/22 = 4.09 रुपये प्रति किमी होगा।
अगर आप रोज 50 किलोमीटर चलते हैं तब डीजल कार का डेली का खर्च = 204.50 रुपये आएगा।
डीजल कार के एक महीने (30 दिन) का खर्च = 6,135 रुपये आएगा।
| कार टाइप | प्रति दिन खर्च | प्रति माह (30 दिन) खर्च |
|---|---|---|
| इलेक्ट्रिक कार | ₹35 | ₹1,050 |
| पेट्रोल कार | ₹277.50 | ₹8,325 |
| डीजल कार | ₹204.50 | ₹6,135 |
आंकड़े खुद बयां कर रहे हैं कि डेली 50 किलोमीटर चलाने पर इलेक्ट्रिक कार का खर्च पेट्रोल की तुलना में लगभग 8 गुना और डीजल से भी लगभग 6 गुना कम आता है।
चार्जिंग स्टेशन: हर जगह आसानी से चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध नहीं होते, हालांकि बड़े शहरों में सुविधा तेजी से बढ़ रही है।
चार्जिंग समय: कार को फुल चार्ज होने में कुछ वक्त लगता है। हालांकि, फास्ट चार्जर से लगभग एक घंटे में चार्ज हो जाती है लेकिन इसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
शुरुआती कीमत: शुरू में इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल/डीजल कारों से थोड़ी महंगी होती हैं लेकिन सरकार की सब्सिडी और कम रनिंग कॉस्ट इसे लंबे समय में बैलेंस कर देती है।
अगर आपका रोज का सफर तय है और आपके पास घर या ऑफिस में चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध है तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए एक बेहद समझदारी भरा निवेश साबित हो सकती है। यह न सिर्फ आपके मासिक खर्चों में भारी कटौती करेगी बल्कि आप पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी अपना योगदान देंगे। अगर आपके क्षेत्र में चार्जिंग की सुविधा अभी भी दूर है तो बेहतर माइलेज वाली डीजल कार एक अच्छा और व्यावहारिक विकल्प हो सकती है।
वहीं, अगर आप शहर में सीमित दूरी तक ही गाड़ी चलाते हैं और कम मेंटेनेंस के साथ कम झंझट चाहते हैं तो पेट्रोल कार आपके लिए बेहतर हो सकती है, लेकिन उसका फ्यूल खर्च सबसे ज्यादा होता है।
Published on:
24 Jul 2025 08:31 pm
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