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भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट, जापान को छोड़ा पीछे

Indian Automobile Market: भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट हाल ही में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बढ़ गया है। इससे पहले भारत का इस लिस्ट में चौथा नंबर था, पर हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत ने इस लिस्ट में तीसरा नंबर हासिल कर लिया है।

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ऑटोमोबाइल मार्केट में पिछले कुछ सालों में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है। दुनियाभर में व्हीकल्स की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में पिछले कई सालों से बेहतरीन ग्रोथ दिखाई दे रही है, पर पिछले कुछ सालों में यह ग्रोथ और भी तेज़ी से बढ़ी है। इस बढ़ती ग्रोथ का ही नतीजा है कि भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है। इससे पहले भारत (India) ऑटोमोबाइल मार्केट की इस लिस्ट में चौथे नंबर पर था, पर हाल ही में इसने जापान (Japan) के ऑटोमोबाइल मार्केट को पीछे छोड़ते हुए लिस्ट में एक नंबर की छलांग लगा दी है।

लिस्ट में भारत से आगे कौनसे देश हैं?

दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट की लिस्ट में भारत से आगे चीन (China) और अमरीका (United States of America) के ऑटोमोबाइल मार्केट्स हैं। चीन इस लिस्ट में पहले नंबर पर, तो अमरीका इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है।

क्या कहती है सेल्स रिपोर्ट?

जापान की मोटर व्हीकल एंड मोटरसाइकिल असोशिएशन की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में जापान में 4.2 मिलियन यानि की 42 लाख व्हीकल्स की बिक्री हुई। वहीँ अगर भारत की बात की जाएं, तो सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2022 में 4.25 मिलियन यानि की 42 लाख 50 हज़ार व्हीकल्स की बिक्री हुई। ऐसे में भारत में पिछले साल जापान से 50 हज़ार व्हीकल्स ज़्यादा बिके।


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45 सालों में सबसे कम सेल्स


जापान में 2022 में अगर नई गाड़ियों की बिक्री की बात की जाएं, तो 2022 में पिछले 45 सालों में सबसे कम गाड़ियाँ बिकी। इससे पहले 1977 में भी जापान में नई गाड़ियों की बिक्री के आँकड़े 2022 की ही तरह थे।

जापान के पिछड़ने की क्या है वजह?

कोरोना की वजह से दुनियाभर के ऑटोमोबाइल मार्केट पर असर पड़ा, जिसमें जापान भी शामिल है। इसका असर 2022 में भी देखने को मिला और देश की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों की भी डोमेस्टिक सेल्स में पिछले साल गिरावट देखने को मिली। सेमीकंडक्टर चिप्स की शॉर्टेज का प्रोडक्शन पर भी असर पड़ा। साथ ही इकोनॉमी पर मार से ऑटोमोबाइल मार्केट पर भी मार पड़ी।


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