
नई दिल्ली: भारत की दिग्गज कार निर्माता कंपनी महिंद्रा और अमेरिकी कंपनी फोर्ड ने एक दूसरे ने हाथ मिला लिया है और अब ये दोनों बड़ी कंपनियां साथ मिलकर काम करेंगी। आपको बता दें कि दोनों ही कंपनियां साथ मिलकर 1925 करोड़ के जॉइंट वेंचर पर काम करेंगी। जानकारी के मुताबिक़ साल 2020 के मध्य से ये दोनों कंपनियां एक साथ मिलकर काम करने लगेंगी जिसका फायदा दोनों ही कंपनियों को मिलेगा।
आपको बता दें कि साल 2017 में Maruti Suzuki और Toyota ने हाथ मिलाया था जिसके बाद साल 2016 में Toyota की रीबैजिंग के साथ Maruti Suzuki Baleno को Toyota Glanza के नाम से लॉन्च किया गया था। इन दोनों कंपनियों का मकसद भी साथ मिलकर अधिक मुनाफ़ा कमाना था और अब Mahindra और Ford ने भी इस दिशा में पहला कदम रख दिया है।
रीबैजिंग से लॉन्च कर सकते हैं कारें
जैसा मारुति और टोयोटा ने किया था ठीक वैसा ही करके फोर्ड और महिंद्रा भी एक दूसरे की कारों को रीबैज करके लॉन्च कर सकते हैं। इसका मतलब ये है कि फोर्ड की कारों को महिंद्रा के टैग के साथ दोबारा से लॉन्च किया जा सकता है। इससे ना सिर्फ फोर्ड और महिंद्रा की कारों की बिक्री बढ़ेगी बल्कि ग्राहकों को भी इससे फायदा मिलेगा।
महिंद्रा की होगी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी
आपको बता दें कि ज्वाइंट वेंचर में महिंद्रा के पास 657 करोड़ रुपये के साथ 51 प्रतिशत शेयर्स होंगे जबकि बाकी के शेयर्स फोर्ड के पास ही बरकरार रहेंगे। इस डील के तहत फोर्ड के इंडियन बिजनेस को जेवी में ट्रांसफर करने पर विचार किया जा रहा है। कंपनी का चेन्नई और साणंद में असेंबलिंग प्लांट है।
इस वजह से हुआ है समझौता
आपको बता दें कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है ऐसे में फोर्ड की कारों में सबसे ज्यादा कमी आई है जो अन्य कार कंपनियों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अपने वाहनों की गिरती बिक्री को ध्यान में रखते हुए नुकसान कम करने की दिशा में कंपनी ने महिंद्रा के साथ करार किया है। दरअसल मंदी के बावजूद भी कंपनी मजबूती से मार्केट में टिकी हुई है और अब इस मजबूती का फायदा फोर्ड को भी मिलने की उम्मीद है।
Published on:
02 Oct 2019 03:52 pm
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