23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब वाहन चेकिंग के दौरान ये काम नहीं कर सकती है पुलिस

ये आदेश केरल हाइकोर्ट ने दिया है जिसके मुताबिक 1 दिसंबर 2019 से वाहनों पर इस तरह से डंडे का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।

2 min read
Google source verification

image

Vineet Singh

Jan 17, 2020

Traffic Police New Rules

Traffic Police New Rules

नई दिल्ली: आपने कई बार देखा होगा कि ट्रैफिक पुलिस कार या बाइक चलाते समय ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को सबक सिखाने के चक्कर में अपने नियम ही तोड़ देती है ( traffic rules in India )। दरअसल पुलिस कई बार बाइक रोकने का इशारा करती है ऐसे में लोग अपनी बाइक नहीं रोकते हैं तब कई बार पुलिस आक्रामक हो जाती है और वाहन पर डंडा मारती है , लेकिन अब ऐसा करना गैरकानूनी होगा और ट्रैपिक पुलिस को इस तरह से डंडे का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश केरल हाइकोर्ट ने दिया है जिसके मुताबिक 1 दिसंबर 2019 से वाहनों पर इस तरह से डंडे का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी।

कोर्ट का नया फरमान, चेकिंग के वक्त गाड़ियों पर नहीं चला सकती डंडा पुलिस

केरल हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर 2019 से दुपहिया वाहन सवारों और पिलियन सवारों के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया गया है वहीं अब पुलिस द्वारा वाहनों को रोकने, पीछा करने अथवा उनपर लाठी चलाने संबंधी कानून भी लागू कर रही है। केरल हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को ऐसा करने से मना कर नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल करने की बात कही है ( Traffic Police Fines )।

यह फैसला अदालत ने मलप्पुरम, केरल के एक 18 वर्षीय याचिकाकर्ता को जमानत देने के मद्देनजर किया था। दरअसल याचिकाकर्ता का कहना था कि बिना हेलमेट बाइक चलाने पर पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही थी और बचने की कोशिश में गाड़ी एक कार से टकरा गई । याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर पुलिस बाइक का हैंडलबार न पकड़ती तो इस घटना से बचा जा सकता था।

दरअसल ऐसा देखा गया है कि कई बार ऐसा करने की वजह से कई दुर्घटनाएं हुई हैं और कई वाहन चालकों की जान चली गई है। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने इसे गैरकानूनी बताया है। कोर्ट का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस ऐसा करके न सिर्फ अपनी बल्कि वाहन चालक और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों की जान को भी खतरे में डालते हैं।

कोर्ट ने मोटर व्हीकल (ड्राइविंग) रेगुलेशन 2017 का हवाला देते हुए कहा है कि यह साफ़ लिखा है कि ट्रैफिक अपराधियों को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त ट्रैफिक पुलिस या किसी अन्य अधिकृत अधिकारी द्वारा सही तरीके से जांच के लिए कैसे रोकना चाहिए ( New Motor Vehicle Act )।

एक नहीं होते कार और ट्रक के विंडस्क्रीन, क्या आपको मालूम है इनके बीच का अंतर

इस तरह से पता लगाया जाएगा अपराधियों का

अपराधियों का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा डिजिटल सिग्नलिंग डिवाइस जैसे डिजिटल वीडियो कैमरा, सर्विलांस कैमरा, मोबाइल फोन के कैमरे का इस्तेमाल कर गाड़ी और उसके मालिक की जानकारी निकालने का आदेश दिया है।