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अब इस फीचर के बिना नहीं बिकेगी कोई भी गाड़ी, नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी

ध्यान देने वाली बात है, कि भारत उन शीर्ष देशों में से एक है जो हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं दर्ज कराता है। इन सड़क हादसों में बड़ी संख्या में मौतें और गंभीर चोटें आती हैं।

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Six Airbags

देश में सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है, इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए आज केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने मोटर वाहनों के लिए कम से कम छह एयरबैग अनिवार्य बनाने के लिए जीएसआर अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है। यानी अब हर सेगमेंट की कार चाहे वह हैचबैक हो या एसयूवी सभी में 6 एयरबैग का होना अनिवार्य होगा।

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने पहले ही 1 जुलाई 2019 से प्रभावी ड्राइवर एयरबैग और फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग को लागू करना अनिवार्य कर दिया है, जो इस साल 1 जनवरी से प्रभावी है। वहीं अब कार में कम से कम 6 एयरबैग होने चाहिए। जिससे वाहन चलाने वाले के साथ पीछे बैठे यात्री भी सुरक्षत रहेंगे।


सुरक्षित होंगे पीछे बैठे यात्री


गडकरी ने आगे कहा कि सभी बाहरी यात्रियों को कवर करने वाले दो साइड या साइड टोरसो एयरबैग और दो साइड कर्टेन या ट्यूब एयरबैग को नए पैसेंजर वाहनों में लगाना अनिवार्य होगा। "भारत में मोटर वाहनों को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सभी खंडों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, चाहे वाहन की कीमत या प्रकार कुछ भी हो।

बताते चलें, कि इस साल 1 जनवरी से ड्यूल फ्रंट एयरबैग अनिवार्य हो गए हैं, लेकिन यह ड्राइवर और सामने के सह-यात्री की फ्रंट-इफेक्ट सुरक्षा के लिए है। वहीं यह नया नियम जो नए वाहनों के लिए साइड कर्टेन एयरबैग को अनिवार्य बनाता है, साइड इफेक्ट में रहने वालों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।



भारत में सड़क दुर्घटना में होती हैं सबसे ज्यादा मौत

ध्यान देने वाली बात है, कि भारत उन शीर्ष देशों में से एक है जो हर साल बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं दर्ज करता है। इन सड़क हादसों में बड़ी संख्या में मौतें और गंभीर चोटें आती हैं। जबकि यातायात उल्लंघन को दुर्घटनाओं के पीछे प्रमुख कारणों के रूप में जिम्मेदार ठहराया जाता है, हालांकि वाहन की सुरक्षा दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि छोटे प्रवेश स्तर के वाहनों में ही बड़ी संख्या में मौतें होती हैं।