
Tyre Care and Maintenance Guide
Tyre Care and Maintenance Guide: आपकी कार के टायर गाड़ी के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होते हैं। ये न केवल गाड़ी की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं बल्कि आपकी ड्राइविंग के अनुभव को भी बेहतर बनाते हैं। इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि आपके टायर ज्यादा समय तक चलें और आपको बार-बार नए टायर खरीदने की जरूरत न पड़े तो आपको उनकी सही देखभाल करनी होगी। आइए जानते हैं कुछ आसान और प्रभावी तरीके जिनसे आप अपने टायरों की उम्र बढ़ा सकते हैं और पैसे बचा सकते हैं।
टायरों का प्रेशर सही रखना बहुत जरूरी है। ज्यादा या कम प्रेशर दोनों ही स्थिति में टायर जल्दी घिस सकते हैं। बहुत कम प्रेशर होने पर टायर के साइड्स जल्दी घिसते हैं और ज्यादा प्रेशर होने पर टायर का बीच हिस्सा जल्दी खत्म हो सकता है। इसलिए हमेशा गाड़ी के निर्माता के बताए गए प्रेशर को चेक करें और सुनिश्चित करें कि टायर सही प्रेशर में हैं।
टायर रोटेशन का मतलब है टायरों की स्थिति को बदलना। इससे यह सुनिश्चित होता है कि टायर समान रूप से घिसें और उनकी उम्र बढ़े। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दबाव पड़ता है जैसे कि आगे और पीछे के टायरों पर या दाएं और बाएं के टायरों पर। इसलिए समय-समय पर टायरों को एक दूसरे की जगह पर बदलना चाहिए। इसे हर 6,000 से 8,000 किलोमीटर के बाद किया जा सकता है।
कैसे करें टायर रोटेशन
टायर रोटेशन के लिए आपको कुछ जरूरी उपकरणों की जरूरत होगी जिसमे कि जैक, जैक स्टैंड, लुग रिंच और टायर प्रेशर गेज शामिल हैं। आप इनका उपयोग करके टायरों को रोटेट कर सकते हैं। रोटेशन के तीन मुख्य पैटर्न होते हैं।
फ्रंट-टू-रियर - सामने के टायरों को पीछे और पीछे के टायरों को आगे की तरफ ले जाना।
क्रॉस रोटेशन - दाएं तरफ के सामने के टायर को बाएं पीछे और बाएं तरफ के सामने के टायर को दाएं पीछे बदलना।
साइड-टू-साइड - एक ही एक्सल पर दाएं और बाएं टायरों को बदलना।
यदि आप अपनी गाड़ी को बहुत तेज चलाते हैं अचानक ब्रेक लगाते हैं या ज्यादा मुड़ते हैं तो इससे टायर जल्दी घिस सकते हैं। इसलिए अपनी ड्राइविंग आदतों को सुधारें और आराम से गाड़ी चलाएं। तेज मोड़ और तेज ब्रेकिंग से टायरों पर ज्यादा दबाव पड़ता है जिससे उनका जीवनकाल घट जाता है।
टायरों पर गंदगी, कंकड़, या तेल की बूंदें जमा हो सकती हैं जो उनकी ग्रिप को प्रभावित करती हैं और टायरों को नुकसान पहुंचाती हैं। समय-समय पर टायरों को साफ करना चाहिए ताकि वे अच्छी स्थिति में रहें। इसके अलावा टायरों की नियमित जांच करना भी जरूरी है। किसी भी प्रकार की दरार कट या अन्य समस्या को समय रहते पहचानें और तुरंत उसे ठीक करवाएं।
टायरों को बदलने का सही समय जानना भी बहुत जरूरी है। अगर टायरों में कोई दरारें, कट या अन्य समस्याएं नजर आएं तो उन्हें तुरंत बदलवा लें। इसके अलावा यदि टायर का ट्रेड (गहरी खांचे वाली परत) बहुत कम हो गया हो तो यह भी संकेत है कि अब आपको टायर बदलने की जरूरत है। सामान्य तौर पर, टायर की स्थिति हर 6 महीने में चेक करनी चाहिए।
अगर टायरों का घिसाव असमान हो तो इसका असर सिर्फ उनकी उम्र पर ही नहीं बल्कि आपके गाड़ी के इंजन और फ्यूल इकोनॉमी पर भी पड़ेगा। असमान घिसाव की वजह से इंजन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। समय-समय पर टायर रोटेशन और सही प्रेशर बनाए रखने से आप अपनी गाड़ी की फ्यूल इकोनॉमी को बेहतर बना सकते हैं।
Published on:
11 May 2025 04:55 pm
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