Automatic Parking Assist एक आधुनिक तकनीक है जो सेंसर और कैमरों की मदद से कार को खुद से पार्क करने में सक्षम बनाती है। यह तकनीक तंग जगहों में सुरक्षित और सटीक पार्किंग सुनिश्चित करती है, जिससे ड्राइवर का समय और मेहनत दोनों बचते हैं। आसान भाषा में जानिए इसका काम करने का तरीका।
Automatic Parking Assist: आजकल की आधुनिक कारों में एक कमाल की तकनीक आ रही है। यह फीचर ऑटोमेटिक पार्किंग असिस्ट है। इस तकनीक की मदद से कार खुद-ब-खुद पार्क हो जाती है। कार को पार्किंग के लिए ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ती है।
तो आइए समझते हैं कि यह तकनीक क्या है, कैसे काम करती है और क्यों भविष्य की कारों के लिए यह जरूरी बनती जा रही है।
यह एक ड्राइवर असिस्ट सिस्टम है जो सेंसर, कैमरा और कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए कार को खुद से पार्क करने में सक्षम बनाता है। यानी कार अपने आप देखती है कि जगह कितनी है और फिर सही तरीके से उसमें खुद पार्क हो जाती है।
जगह की पहचान: कार में लगे सेंसर और कैमरे सामने और पीछे की जगह को स्कैन करते हैं। जैसे ही कार को एक सही पार्किंग स्पेस मिलता है यह ड्राइवर को अलर्ट करती है।
स्टार्ट बटन दबाइए: ड्राइवर Auto Park या Park Assist बटन दबाता है।
अब कार को मिल जाता है कंट्रोल: इसके बाद कार खुद ब्रेक, एक्सेलेरेटर और स्टीयरिंग कंट्रोल करती है। अगर बीच में कोई इंसान या गाड़ी आ जाती है तो कार तुरंत रुक जाती है। ड्राइवर हाथ हटाकर आराम से बैठ सकता है या फिर कार से बाहर भी जा सकता है।
भारत में और दुनिया में कई कार कंपनियां हैं जो अपनी कारों में यह फीचर ऑफर करती हैं।
मर्सिडीज-बेंज: PARKTRONIC तकनीक मिलती है।
हुंडई: Remote Smart Parking Assist (आप कार को बाहर से रिमोट से पार्क कर सकते हैं) टेक्नोलॉजी मिलती है।
टाटा मोटर्स (टाटा एलेक्सी): Park by Memory जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी मिलती है।
बीएमडब्ल्यू, ऑडी, टोयोटा और अन्य कंपनियां भी इस फीचर को दे रही हैं।
भारत में अभी इसका इस्तेमाल बहुत कम है लेकिन धीरे-धीरे इसकी मांग बढ़ रही है। मेट्रो शहरों में पार्किंग एक बड़ी समस्या है ऐसे में यह तकनीक भविष्य में बहुत काम आने वाली है।
सरकारी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और प्राइवेट कंपनियां भी अब ऑटोमैटेड पार्किंग सिस्टम विकसित कर रही हैं।