कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए इस समय युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। परिसर में लगभग 500 लोग काम कर रहे हैं। इस बीच आयोजन से पहले रामजन्मभूमि परिसर में कोरोना वायरस के संक्रमण से हड़कंप मच गया। श्रीरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास और 16 पीएसी के जवान संक्रमित पाए गए। श्रीराम जन्मभूमि में प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के साथ चार पुजारी राम लला की सेवा करते हैं। इन्हीं चार पुजारियों में से एक प्रदीप दास भी हैं। इनके संक्रमण में आने के बाद आनन-फानन में परिसर में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी गयी। अयोध्या के सीएमओ घनश्याम सिंह ने पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि करते हुए बताया कि क्विकजांच के लिए परिसर में मशीनें लगाई गई हैं। परिसर में कार्यरत सभी लोगों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक रामजन्मभूमि परिसर में 44 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अब तेजी से राम जन्मभूमि परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद परिसर में मौजूद लोगों की संख्या भी घटाई जा सकती है।
अलग-अलग ब्लॉक
कोरोना के कारण भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए जन्म भूमि परिसर में 50-50 लोगों के अलग-अलग ब्लॉक में करीब 200 लोग मौजूद होंगे। 50 की संख्या में देश के बड़े साधु-संत मौजूद रहेंगे, 50 की संख्या में देश के बड़े नेता और आंदोलन से जुड़े लोग रहेंगे। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी रहेंगे। इनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी शामिल हैं। अब इन सभी की सुरक्षा व्यवस्था और इनके बैठने को लेकर फिर से रणनीति बनायी जा रही है।