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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साधु संतों की मांग, फिलहाल तो बने अस्थायी मंदिर

फैसले के बाद अब संत-महात्मा नई मांग लेकर सामने आ गए हैं

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब अयोध्या के संतों ने कर दी एक और बड़ी मांग, मंदिर बनाने को लेकर कही ये बात...

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब अयोध्या के संतों ने कर दी एक और बड़ी मांग, मंदिर बनाने को लेकर कही ये बात...

अयोध्या. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जमीन के मालिकाना हक पर फैसला सुना दिया है। विवादित जमीन पर रामलला को मालिक माना गया है। कोर्ट ने केंद्र व यूपी सरकार को मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में कही अौर पांच एकड़ जमीन की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट इस मामले की रोजाना सुनवाई कर रहा था। फैसले के बाद अब संत-महात्मा नई मांग लेकर सामने आ गए हैं। संतों में यह मांग जोर पकडऩे लगी है कि भव्य राम मंदिर के निर्माण से पहले फिलहाल अस्थाई मंदिर बने।संतों ने मांग की है कि भव्य मंदिर निर्माण से पहले फिलहाल रामलला के टेंट को व्यवस्थित किया जाये। इसके साथ ही अब नये कपड़े बनाए जाएं। इसके साथ ही यहां पर छोटा-मोटा अस्थाई मंदिर तब तक बनवाया जाए जब तक भव्य राम मंदिर नहीं बनता।

तंबू से निकाले जाएं रामलला

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि यह काम जल्द किया जाए क्योंकि लंबे समय से रामलला टेंट में है और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में मंदिर निर्माण में लगने वाले वक्त तक यहां पर आने वाले लोग एक सुव्यवस्थित रामलला का दर्शन लोग कर सकें। रामलला तंबू से निकाले जाएं। संतों की मांग है कि जब तक रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण नहीं होता तब तक रामलला को टेंट से निकालकर स्थाई मंदिर में स्थापित किया जाए। हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत राजू दास का कहना है कि कोर्ट का फैसला आने के बाद रामलला को तंबू के मंदिर से बाहर निकालना चाहिए। हम रामभाक्तों के लिए यह बर्दाश्त से बाहर है कि रामलला अब भी टेंट में रहें।

स्थाई मंदिर में ऱखे जाए रामलला

निष्काम सेवा ट्रस्ट के व्यवस्थापक महंत रामचंद्र दास का कहना है कि भव्य मंदिर निर्माण में अभी साल दो साल लग सकता है। तब तक के लिए रामलला को स्थाई मंदिर में रखा जाए। उनकी सेवा पूजा में भव्यता अविलंब शुरू की जानी चाहिए।

रामलला की पूजा अर्चना गरिमा के अनुरूप हो

वहीं अयोध्या में बिंदु गद्दी आचार्य के कृपा पात्र संतराम भूषण दास कृपालु कहते हैं कि राम भक्तों ने एक-एक दिन राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिए काटा है। इसके लिए काफी संघर्ष किया गया है। अब शीर्ष कोर्ट का फैसला आने के बाद जल्दी से जल्दी यह तय होना चाहिए कि रामलला की पूजा अर्चना गरिमा के अनुरूप हो। निकट भविष्य में भव्य मंदिर बनना तो तय ही है।


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