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राम नगरी अयोध्या के घाटों से मां सरयू ने बनाई दूरी

राम नगरी अयोध्या के घाटो से मां सरयू ने बनाई दूरी

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ayodhya

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अयोध्या. सरयू नदी के किनारे स्थित भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या जो की हमारे ग्रंथों वेदों पुराणों में भी वर्णित है। तथा वर्ष में लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच सरयू नदी में डुबकी लगते है। आपको बता दें कि राम नगरी अयोध्या में दूर दूर से श्रद्धालु राम नगरी के दर्शन पूजन करने तथा सरयू स्नान करने आते हैं पौराणिक मान्यता है सरयू का जल आचमन और स्नान करके श्रद्धालुओं तभी मंदिरों में दर्शन पूजन करने जाते हैं तथा अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों में मां सरजू के के जल से भगवान को स्नान कराया जाता है और भगवान को भोग लगाया जाता है यह पौराणिक महत्व है कि स्वयं प्रयागराज जो इलाहाबाद संगम नगरी सबसे बड़ी गंगा के तट की नगरी है वहां से स्वयं प्रयागराज आते हैं सरयू में स्नान करते है, लेकिन आज भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या तथा सरयू नदी की दूरी हो चुकी है। आज सरयू नहीं अयोध्या से काफी दूरी पर बहने लगी है। जिसके कारण अयोध्या के मठ मंदिरों में पूजा पाठ में दिक्कते हो रही है।

आज अयोध्या के साधू संत मंदिरों में लगने वाले जल को लेने की लिए किलो मीटर की दूरी नापनी पड़ती है क्योंकि मंदिरों में भगवान का भोग सरयू नदी के जल से ही लगता है तथा सरयू नदी अयोध्या के लक्ष्मण घाट जो की सहस्त्र धारा कहा जाता है यह स्थान पर शेषावतार भगवान लक्ष्मण ने अपने मानव रूपी शरीर का त्याग किया था। तब से इस स्थान पर लोग मनोकामना के लिए आते है तथा मान्यता है कि आज भी इस स्थान पर किसी कार्य के लिए कसम खाते है क्योकि यहां पर कोई कसम झुटा नहीं खा सकता है ।

आज सरयू श्रधालुओं के आस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। तथा कुछ दिनों बाद ही जहां माघ मेला शुरू हो जाएगा लोग इलाहाबाद गंगा में स्नान करने के बाद अयोध्या में सरयू किनारे भी स्नान करने आएंगे ऐसे में सरयू घाट से 2 किलोमीटर की दूरी बना लेना एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है।

सरयू घाट के किनारे बने भगवान शेषावतार मंदिर के महंथ अशोक दास ने बताया कि यह अयोध्या का सहस्त्रधारा घाट हैं । यह वह धारा घाट है जहाँ पर दूर दराज से भक्त आकर सरयू का जल लेकर जाते है तथा इसी स्थान से सरयू का जल सभ मंदिरों में पूजा व् भंडार के लिए लिया जाता है। और अयोध्या के संतों को स्नान करने व जल ले जाने में बहुत ही दिक्कत हो रही है, लेकिन आज स्थान पर सरयू की धारा है ही नहीं इसकी हालत यह हो गई है कि कोई भी नेता व प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है ।

आज सरयू नदी २ किलो मीटर दूर चली गई है क्या कारण हो गया की आज मां सरयू अयोध्या से दूरी बना ली है । अगर अब इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो अयोध्या की स्थिति और ख़राब हो जाएगी तथा बहार से जो श्रद्धालु अयोध्या दर्शन के लिए आते है और सरयू में स्नान कर पूजा पाठ करते है और दीप जलाते है ! जिसके कारण अयोध्या के प्रति कितनी गलत भावना उत्पन्न होती है यह बहुत ही सोचनीय विषय बन गई है।


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