scriptभूमिपूजन के जरिए सर्वधर्म समभाव की कोशिश : विहिप का रामराज पर फोकस, मंदिर बनने तक आदिवासियों और दलितों में जगाएंगे रामत्व | Attempts for universal religion through Bhumi Pujan | Patrika News
अयोध्या

भूमिपूजन के जरिए सर्वधर्म समभाव की कोशिश : विहिप का रामराज पर फोकस, मंदिर बनने तक आदिवासियों और दलितों में जगाएंगे रामत्व

– शिलान्यास के बाद की रणनीति बना चुका संघ- भाजपा को इसी एजेंडे पर चलना होगा

अयोध्याAug 04, 2020 / 09:30 pm

Neeraj Patel

भूमिपूजन के जरिए सर्वधर्म समभाव की कोशिश : विहिप का रामराज पर फोकस, मंदिर बनने तक आदिवासियों और दलितों में जगाएंगे रामत्व

भूमिपूजन के जरिए सर्वधर्म समभाव की कोशिश : विहिप का रामराज पर फोकस, मंदिर बनने तक आदिवासियों और दलितों में जगाएंगे रामत्व

महेंद्र प्रताप सिंह
अयोध्या. श्रीरामलला मंदिर के शिलान्यास के बाद क्या? तीन साल तो मंदिर बनने में ही लग जाएंगे। इस बीच भाजपा, विहिप और राष्ट्रीय स्वयं संघ का क्या कार्यक्रम है। इस पर भी चर्चा अभी से शुरू हो गयी है। शायद यही वजह है कि इस तरह के तमाम अन्य सवालों के उत्तर पहले से ही तलाश लिए गए हैं। इसीलिए श्रीलला मंदिर के शिलान्यास मंच से हिंदुत्व के साथ ही सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया जा रहा है। भूमि पूजन कार्यक्रम का पहला निमंत्रण इकबाल अंसारी को देने और आमंत्रितों की सूची में कुल 3 मुस्लिम चेहरों को शामिल करने का मकसद सिर्फ यही है भाजपा भविष्य में साफ्ट हिंदुत्व की राह चलेगी। इसके साथ विहिप और संघ के एजेंडे में अगले तीन साल तक आदिवासियों और दलितों में रामत्व की अलख जगाना शामिल है।

विभिन्न संप्रदायों के 135 साधु संत

भूमि पूजन कार्यक्रम में 135 साधु-संतों समेत पौने दौ सौ लोग आमंत्रित हैं। इनमें हिंदुओं के अलावा, मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध, कबीरपंथी, रविदास, लिंगायत और आदिवासी परंपराओं के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसका मकसद सर्वधर्म समभाव और समावेशी हिंदुत्व को दर्शाना है। इसी तरह 2000 स्थानों की मिट्टी और जल के लिए 1500 का स्रोतों का चयन भी दूरगामी सोच के साथ किया गया है।

भूमि पूजन के लिए इन मुस्लिमों को आमंत्रण

भूमि पूजन कार्यक्रम बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के अलावा फैजाबाद के मोहम्मद शरीफ भी आमंत्रित हैं। इन्हें लावारिस शवों के दफनाने के लिए पद्मश्री सम्मान मिल चुका है। जबकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी का नाम इसलिए लिस्ट में शामिल किया गया है कि इन्होंने बाबरी मस्जिद के मुकदमें के अंतिम समय में लचीला रुख अख्तियार किया और इनका नजरिया हिंदुओं के प्रति नरम था।

सिर्फ एक मंदिर बनाने की कोशिश नहीं

विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि यह सारी कोशिश सिर्फ एक और मंदिर बनाने की नहीं है। यह अभियान पृथ्वी पर रामत्व की स्थापना के लिए, रामराज्य के लिए है। रामत्व एक ऐसे समतामूलक समाज बनाने से आएगा, जिसमें सब मनुष्यों को गरिमा मिलेगी। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ, शिक्षा और रोजगार की भी आश्वस्ति होगी। वे कहते हैं अगले तीन वर्षों में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। तब तक विहिप आदिवासियों और दलितों के बीच काम करके रामत्व जगाने का काम करेगी। क्योंकि जब तक रामत्व नहीं आएगा, कार्य पूरा नहीं होगा।

अभी मथुरा-काशी की बात नहीं

विहिप के एजेंडे में अभी मथुरा, काशी शामिल नहीं है। विहिप का मानना है कि अभी अयोध्या का ही काम अधूरा है। राममंदिर निर्माण होने तब तक विश्व हिन्दू परिषद इतना काम करेगा, ताकि ऊंच-नीच, जात-पात की भावना खत्म हो जाए। उसकी योजना गौ पर आधारित अर्थव्यवस्था होगी। भाजपा और विहिप मिलकर यह प्रचारित करेंगे कि जैसे भगवान श्रीराम ने शबरी के घर जाकर जाति-व्यवस्था को दरकिनार किया था, उसी तरह आदिवासियों के लिए भाजपा सरकार काम करेगी।

Home / Ayodhya / भूमिपूजन के जरिए सर्वधर्म समभाव की कोशिश : विहिप का रामराज पर फोकस, मंदिर बनने तक आदिवासियों और दलितों में जगाएंगे रामत्व

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो