
Ayodhya Prayagraj Expressway: अयोध्या-प्रयागराज हाईवे की बाईं तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग फोरलेन की जगह अब एक्सप्रेस-वे बनेगा। 90 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे बनने में कुल 5000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस राशि में एक्सप्रेस-वे निर्माण के साथ किसानों के जमीन का मुआवजा भी शामिल किया गया है। निर्माण कार्य की शुरुआत से तीन साल में परियोजना को पूरा किया जाना है।
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने अयोध्या-प्रयागराज हाईवे को अब फोरलेन में बदलने के बजाय नए एक्सप्रेस-वे को बनाने की योजना बनाई है। योजना के तहत अब तक पहले हाईवे को फोरलेन में तब्दील कराया जाना था। इस सड़क पर भी बाकी फोरलेन की तरह छोटे और गांव के वाहनों की अव्यवस्था से यात्रा में दिक्कत हो रही थी, जिससे लंबी दूरी के वाहनों को हमेशा खतरा बना रहता था। इसको देखते हुए मंत्रालय ने अपने पुराने फैसले में बदलाव कर दिया।
अब अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के बाएं तरफ से नए सिरे से किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर एक्सप्रेस-वे निर्माण कराने की योजना बनाई है। योजना का डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी टीएएसपीएल दिल्ली को दी गई है, जिसमें नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रतापगढ़ जिले के गोंड़े गांव सोनावां से अयोध्या के परिक्रमा स्थल भरत कुण्ड के पास से 90 किलोमीटर की दूरी में कराया जाना है।
एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान आधा दर्जन आरओबी और सेतु का निर्माण होगा। इसमें लखनऊ-वाराणसी रेल खंड पर एक ओवरब्रिज और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे क्रासिंग पर 18 मीटर ऊंचाई पर छह लेन का फ्लाईओवर, गोमती नदी पर छह लेन, अन्य सड़कों के क्रासिंग पर सेतु समेत कुल आधा दर्जन ब्रिजों के निर्माण को शामिल किया गया है। बाइक और अन्य ग्रामीण वाहनों के प्रवेश को एक्सप्रेस-वे पर वर्जित किया गया है।
Published on:
05 Sept 2024 12:24 pm
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